Udaipur DSP Jitendra Aanchaliya ( जितेंद्र आंचलिया ) Arrested
लेकसिटी उदयपुर की एक जमीन के मामले में एसीबी ने निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया (RPS Jitendra Aanchaliya) और सब इंस्पेक्टर रोशनलाल समेत रमेश राठौड़ तथा मनोज को गिरफ्तार किया है।
जयपुर की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने शनिवार रात उन्हें हिरासत में लिया था। चारों आरोपियों पर यह आरोप है कि उन्होंने एक एनआरआई से जमीन के खरीद फरोख्त में रिश्वत ली है। साथ ही जमीन की तय कीमत को कम कर जबरन जमीन का सौदा करवाया था।
जिस तरह इन आंचलिया ब्रदर्स ने लोगो की सामाजिक हत्याए की उसको उदयपुर की जनता कभी माफ नही कर सकती हे ।
एक भाई गिरफ्तारी करता हैं, दुसरा भाई. समाज ,संघठन के माध्यम से धरना प्रदर्श करता हैं, तीसरे ओर अन्तिम चरण के लिए Media Channel हैं , लोगो की मर्यादा उनकी गरीमा ओर सामाजिक जीवन तार तार कर देता हैं . ऎसे अनेको सामाजिक हत्याओ के जिम्मेदार ये Jitendra Aanchaliya ब्रदर्स हैं

एसीबी की टीम कर रही है मामले की जांच
शनिवार को चारों आरोपितों को एसीबी मामलों के न्यायाधीश के आवास पर पेश किया गया था। जिसके बाद सभी को दो दिन की पुलिस हिरासत के लिए सौंप दिया था। एसीबी के उच्चाधिकारी चारों आरोपितों से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देश पर जयपुर से आए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र सिंह तथा उनकी टीम आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।
Udaipur की एक बेशकीमती जमीन के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया (RPS Jitendra Aanchaliya) और सब इंस्पेक्टर रोशनलाल समेत रमेश राठौड़ तथा मनोज को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन्होंने एनआरआई (NRI) नीरज पूर्बिया को इतना डराया कि वह अपनी ही जमीन को फिर से 1 करोड़ 83 लाख रुपये में खरीदने को मजबूर कर दिया.
इस मामले में जब सब इंस्पेक्टर रोशनलाल ने 200000 की मांग की तब नीरज पूर्बिया ने जयपुर एसीबी मुख्यालय जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई. शिकायत पर हरकत में आई एसीबी ने कार्रवाई करते हुए ताबड़तोड़ की. एसीबी ने शुक्रवार रात को उदयपुर और राजसमंद में कुल 5 जगह दबिश देते हुए राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी जितेन्द्र आंचलिया समेत चारों को गिरफ्तार कर लिया है.
नीरज पूर्बिया ने एसीबी को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह कुवैत में रहने के दौरान अपने भाई निलेश को जमीन खरीदने के लिए रुपये भेजता था. उसने वर्ष 2007 में भुवाणा इलाके में 32000 स्क्वायर फीट का एक भूखंड खरीदा था. इस भूखंड के एक भाग को नीलेश ने अपनी पत्नी लवलीना को गिफ्ट कर दिया.
बाद में जब 2019 में नीलेश की मृत्यु हो गई तब लवलीना उस भूखंड को बेचने का दबाव बनाने लगी. लगातार बन रहे दबाव के कारण नीरज कुवैत से उदयपुर आया. उसे बताया कि 5 करोड़ रुपये में भूखंड का बेचान करना है. इस दौरान एक फर्जी एग्रीमेंट बनाया गया. उस एग्रीमेंट के आधार पर सुखेर थाने में एनआरआई नीरज के खिलाफ दबाने बनाने के लिए षडयंत्र रचने का एक मामला दर्ज कराया गया.

पूरी फिल्मी स्क्रिप्ट रची गई थी
सुखेर थाने में दर्ज हुए मामले को लेकर पूरी फिल्मी स्क्रिप्ट रची गई. उसी पर काम करते हुए सब इंस्पेक्टर रोशनलाल ने परिवादी को जितेंद्र आंचलिया से मिलने के लिए कहा. उप अधीक्षक Jitendra Aanchaliya ( जितेंद्र आंचलिया ) ने परिवादी नीरज को गैर जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज होने का हवाला देते हुए डराया. पासपोर्ट जब्त कर पत्नी और बच्चों से भी मिलने के लिए तरस जाने की धमकियां दी.
इस कहानी की स्क्रिप्ट पहले ही लिख दी गई थी. उसी पर काम करते हुए डीएसपी Jitendra Aanchaliya {जितेंद्र आंचलिया) ने दबाव बनाकर थाने में जबरन एक समझौता लिखवाया और परिवादी से साइन करवाए. इस समझौते में लवलीना को रुपये देकर वहीं जमीन फिर से खरीदनी थी जो जमीन वास्तविकता में परिवादी नीरज की ही थी. अपनी ही जमीन खरीदने के लिए परिवादी को 1 करोड़ 83 लाख रुपये फिर से चुकाने पड़े.

उप अधीक्षक Jitendra Aanchaliya ( जितेंद्र आंचलिया ) पर है एनआरआई से रिश्वत लेने का आरोप
उप अधीक्षक Jitendra Aanchaliya ( जितेंद्र आंचलिया ) पर आरोप है कि उन्होंने सुखेर थाने के तत्कालीन एसआई रोशनलाल खटीक तथा दलाल रमेश राठौड़, मनोज श्रीमाली के जरिए एनआरआई से रिश्वत ली है।
एसीबी ने बताया कि Jitendra Aanchaliya ( जितेंद्र आंचलिया )ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। जितेंद्र के अलावा एसीबी ने निलंबित उप निरीक्षक रोशनलाल के अलावा दलाल रमेश राठौड़ और मनोज श्रीमाली को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। चारों को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था।