India24x7 LiveTV के निदेशक Sunil Kumar Verma ने वर्तमान समय में की निष्पक्ष पत्रकारिता की मांगIndia24x7 LiveTV के निदेशक Sunil Kumar Verma ने वर्तमान समय में की निष्पक्ष पत्रकारिता की मांग

समाज में निष्पक्ष पत्रकारिता बनी बड़ी चुनौती, क्या वाकई कोई पत्रकार निष्पक्ष रह सकता है? India 24×7 LiveTV के निदेशक Sunil Kumar Verma का मानना है कि आधुनिक समय में ईमानदार पत्रकारिता आवश्यक है

देश में पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ प्राप्त है. निष्पक्ष पत्रिकारिता ही लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करती है वर्तमान समय में निष्पक्ष पत्रकारिता करना सबसे बड़ी चुनौती बन गयी है, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पत्रकारों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. निष्पक्ष पत्रिकारिता ही लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करती है. पत्रकारिता में निष्पक्षता महज एक शब्द बन कर रह गया है.आज के समाज में निष्पक्ष पत्रकारिता समाप्त होती जा रही है. एक निष्पक्ष पत्रकार वही है जो निर्भीक होकर समाज को सच से रूबरू कराये. सच्चाई को समाज के सामने लाने में भले ही क्यों न तमाम कठिनाइयां, सरकारी दबाव या अन्य कितनी भी दिक्कते क्यों न हो लोगो तक सच पहुचाये।

India24x7 LiveTV के निदेशक Sunil Kumar Verma ने वर्तमान समय में की निष्पक्ष पत्रकारिता की मांग

पत्रकार समाज का आईना
पत्रकार समाज का आईना होता है लेकिन कुछ चंद पत्रकार ऐसे है जो की पत्रकारिता को एक नए रूप में लोगो तक पंहुचा रहे है एक पत्रकार का काम होता है किसी भी खबर का तर्क दोनों तरफ से जनता तक पहुंचाया जाना. फिर उस खबर की तह तक जाकर खबर को जनता तक पहुचाये। वो भी पूरी निष्पक्षता के साथ. न की उसमे खुद के विचार हो. जो सत्य हो वही समाज में दिखाना चाहिए लेकिन आज कल ऐसा होता ही कहाँ है कुछ पत्रकार सत्य को दबा कर झूठ को बढ़ावा देते है जिससे लोगो के दिलो में मीडिया का नाम ख़राब हो रहा है यहाँ तक तो समाज कुछ चैनलों को बिकाऊ मीडिया के नाम से भी कहते है हालाँकि हमेशा ऐसा नहीं था हम बीते कुछ पहलुओं को देखे तो आपको भी याद होगा कुछ पत्रकार ऐसे थे जो कि पूरी ईमानदारी, सच्चाई के साथ खबर को दिखाते थे उन पर लाख दबाव होते हुए भी सरकार के सामने घुटने नहीं टेके और सच को दुनिया को दिखाया। कुछ पत्रकार अपना काम निभाते हुए मारे गए , हिरासत में लिए गए, बंधक बनाए गए और गुमशुदा हुए. पत्रकारिता करना आज के परिवेश में बड़ी समस्या बनकर उभर रही है, जिससे कई खबरें या तो दब जाती है या फिर कई खबरों को दबा दिया जाता है।

पहले समाचार होते थे, अब ब्रेकिंग न्यूज़ का ज़माना है. तब रुकावट के लिए खेद होता था.अब किसी गड़बड़ी के लिए खेद नहीं होता बस देखिये और भूल जाइए. यह सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि आज कल पत्रकारिता सिर्फ एक पैसा कमाने का जरिया बनती जा रही है समाज को लगता है. कही न कही ये सच भी है. आज कल के पत्रकारिता के क्षेत्र में अगर बात की जाए तो पैसा तो साथ चलता है परंतु ईमानदारी नहीं. अधिकतर टीवी चैनल की बात करे तो वो अपने टीआरपी बढ़ाने पर रहती है. इसके लिए वे अनेक प्रकार के हथकंडे अपनाते हैं. निष्पक्ष होकर तथ्य तलाशते पत्रकारों के बीच जंग हमेशा से चलती रही है. आज के दौर में ये टकराव बढ़ा है. कही न कही पत्रकारिता के पेशे में जोखिम का दायरा विकराल हो चुका है. कुछ पत्रकार अपना फ़र्ज़ निभाते हुए मारे गए , हिरासत में लिए गए, बंधक बनाए गए और गुमशुदा हुए. इसे देखते हुए एक बड़ा सवाल उठता है. क्या वाकई कोई पत्रकार निष्पक्ष रह सकता है?

By manmohan singh

News editor and Journalist