आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. बाबूलाल जी गौड़: 1994 से गठिया रोगियों का सहाराआयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. बाबूलाल जी गौड़: 1994 से गठिया रोगियों का सहारा

परबतसर, राजस्थान: गौड़ आयुर्वेद स्टोर, जो १९९४ से कार्यरत है, गठिया से पीड़ित लोगों के लिए आशा की किरण बन गया है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. बाबूलाल जी गौड़, अपनी दशकों की अनुभवी और कुशल आयुर्वेदिक पद्धति से लोगों को गठिया से मुक्ति दिलाने में सफल रहे हैं।

गठिया, जोड़ों में होने वाली एक आम बीमारी है, जो दर्द, सूजन और अकड़न का कारण बनती है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह बुजुर्गों में अधिक आम है। गठिया के कई प्रकार होते हैं, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटाइड गठिया और गाउट शामिल हैं।

डॉ. गौड़ का मानना है कि गठिया का कोई एक स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन आयुर्वेदिक उपचारों से इसे नियंत्रित और प्रबंधित किया जा सकता है। आयुर्वेदिक दवाएं, पंचकर्म और योगासन गठिया के लक्षणों को कम करने और रोगी की जीवनशैली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

गौड़ आयुर्वेद स्टोर में, डॉ. गौड़ रोगी को उसकी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और गठिया के प्रकार के अनुसार आयुर्वेदिक दवाएं और पंचकर्म उपचार प्रदान करते हैं। वे रोगी को योगासन और जीवनशैली में बदलाव करने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं।

डॉ. गौड़ से बातचीत के कुछ मुख्य अंश:

“गठिया एक जटिल बीमारी है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। आयुर्वेद में, हम रोगी के समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपचार करते हैं।”
“आयुर्वेदिक दवाएं और पंचकर्म उपचार गठिया के लक्षणों को कम करने और रोगी की जीवनशैली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।”
“योगासन और जीवनशैली में बदलाव गठिया को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
गौड़ आयुर्वेद स्टोर में आने वाले रोगियों का कहना है कि डॉ. गौड़ के उपचार से उन्हें काफी लाभ हुआ है।

एक रोगी, श्रीमती सुशीला देवी ने कहा: “मैं कई सालों से गठिया से पीड़ित थी। मैंने कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं मिला। गौड़ आयुर्वेद स्टोर में आने के बाद, डॉ. गौड़ के उपचार से मुझे काफी लाभ हुआ है। अब मैं दर्द से मुक्त हूं और अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियों को आसानी से कर सकती हूं।”

By रंजन सिन्हा

रंजन सिन्हा : भोजपुरी फिल्म पत्रकार और जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) हैं, जिनके पास मनोरंजन उद्योग में व्यापक अनुभव है। उन्हें भोजपुरी फिल्म उद्योग की गहरी समझ है और वे अपनी अंतर्दृष्टिपूर्ण रिपोर्टिंग और भोजपुरी फिल्मों की निष्पक्ष समीक्षा के लिए जाने जाते हैं। रंजन सिन्हा ने एक प्रमुख समाचार पत्र के लिए एक रिपोर्टर के रूप में पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया और जल्द ही भोजपुरी फिल्म उद्योग को कवर करने के लिए चले गए। उसके बाद से उन्होंने खुद को क्षेत्र के सबसे भरोसेमंद और सम्मानित पत्रकारों में से एक के रूप में स्थापित किया है, उनके काम को प्रमुख मीडिया आउटलेट्स में नियमित रूप से प्रदर्शित किया जाता है। पीआरओ के रूप में, रंजन सिन्हा ने भोजपुरी फिल्म उद्योग में कुछ सबसे बड़े नामों के साथ काम किया है, जिससे उन्हें अपनी फिल्मों को बढ़ावा देने और व्यापक दर्शकों तक पहुंचने में मदद मिली है। मार्केटिंग और प्रमोशन पर उनकी पैनी नजर है और ये अपनी इनोवेटिव और इफेक्टिव स्ट्रैटेजी के लिए जाने जाते हैं।