पहचान छिपाकर शादी की तो खैर नहींपहचान छिपाकर शादी की तो खैर नहीं

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराध और सामाजिक समस्याओं के निपटान के लिए एक कानून बनाया है. उन्होंने कहा कि इस कानून में पहली बार गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है. 18 साल से कम आयु की बच्चियों के मामले में मृत्युदंड का भी प्रावधान है.

शाह ने कहा कि इस कानून में शादी, रोजगार, पदोन्नति के झूठे वादे और गलत पहचान बताकर जो यौन संबंध बनाते थे उसको अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि इस कानून से महिलाओं को सुरक्षित महसूस होगा और उन्हें न्याय मिलेगा.

कानून के प्रावधान

  • शादी, रोजगार, पदोन्नति के झूठे वादे और गलत पहचान बताकर जो यौन संबंध बनाते थे उसको अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है.
  • गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है.
  • 18 साल से कम आयु की बच्चियों के मामले में मृत्युदंड का भी प्रावधान है.
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में पीड़िता को 50,000 रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा.

कानून का महत्व

यह कानून महिलाओं के खिलाफ अपराध और सामाजिक समस्याओं के निपटान में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस कानून से महिलाओं को सुरक्षित महसूस होगा और उन्हें न्याय मिलेगा. यह कानून महिलाओं के सम्मान और अधिकारों को बढ़ावा देगा.

पहचान छिपाकर शादी करना एक गंभीर अपराध है.

पहचान छिपाकर शादी करना एक गंभीर अपराध है. यह शादी के उद्देश्य और महत्व का उल्लंघन है. यह विश्वासघात का एक गंभीर कृत्य है. यह एक तरह का धोखा है.

पहले तो यह समझना ज़रूरी है कि शादी क्या है. शादी एक सामाजिक अनुबंध है. यह दो लोगों के बीच एक समझौता है कि वे एक-दूसरे के साथ जीवन भर रहेंगे. वे एक-दूसरे का प्यार करेंगे, सम्मान करेंगे और देखभाल करेंगे. वे एक-दूसरे के साथ हर सुख-दुख में साथ रहेंगे.

अब यह समझना ज़रूरी है कि पहचान छिपाकर शादी करना कैसे गलत है. जब आप किसी से शादी करते हैं, तो आप उससे अपने बारे में सब कुछ बताते हैं. आप अपनी उम्र, जाति, धर्म, परिवार, शिक्षा, नौकरी और अन्य सभी जानकारी बताते हैं. आप अपने बारे में जो भी बताते हैं, वह सत्य होना चाहिए.

यदि आप अपने बारे में कुछ जानकारी छिपाते हैं, तो आप उस व्यक्ति के साथ विश्वासघात कर रहे हैं. आप उसे धोखा दे रहे हैं. आप उसे यह बताने से रोक रहे हैं कि आप वास्तव में कौन हैं.

पहचान छिपाकर शादी करना एक गंभीर अपराध है. यह विश्वासघात का एक गंभीर कृत्य है. यह एक तरह का धोखा है. यदि आप किसी से शादी करना चाहते हैं, तो उसके साथ ईमानदार रहें. उसे अपने बारे में सब कुछ बताएं.

पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने पर 10 साल तक की कैद की प्रस्तावना

भारतीय कानूनी प्रणाली में महिलाओं के सुरक्षा और अधिकारों की महत्वपूर्ण सरकारी पहल के तहत, केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है, जिसमें जाहिर तौर पर यौन संबंध बनाने के चक्कर में झूठे वादों के तहत 10 साल तक की कैद की प्रस्तावना की गई है। यह पहली बार है कि ऐसा विशिष्ट प्रावधान विधेयक में शामिल किया गया है, जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों के सजाये जाने का नया प्रावधान है।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने विधेयक के साथ लोकसभा में प्रस्तावित बदलावों की प्रस्तावना की, जिनमें विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों के तत्वों को मद्देनजर रखा गया है। श्री शाह ने बताया कि यह बदलाव विशिष्ट रूप से उन मामलों के लिए है जहाँ पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने या उसके साथ यौन संबंध बनाने की आड़ में झूठे वादे किए जाते हैं।

विधेयक में कहा गया है, “जो कोई भी, धोखे से या बिना विवाह के इरादे से किसी महिला से शादी करने का वादा करता है और उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो यह यौन संबंध बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, लेकिन अब इसके लिए 10 साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इस प्रस्तावना के साथ ही, विधेयक में ताक-झांक के अपराध के लिए भी तीन से सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक भारतीय समाज में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और ऐसे अपराधों को ज़रा भी बर्दाश्त नहीं करेगा।

गृह मंत्री श्री अमित शाह ने यह विधेयक पेश करते समय कहा, “विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली कई सामाजिक समस्याओं का समाधान किया गया है। शादी, रोज़गार, पदोन्नति का वादा और झूठी पहचान की आड़ में महिलाओं के साथ संबंध बनाना पहली बार अपराध की श्रेणी में आएगा।”

इस विधेयक के साथ साथ, एक स्थायी समिति भी गठित की जाएगी, जो इस प्रस्तावना को जांचेगी और सुनेगी।

यह विधेयक भारतीय समाज की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें झूठे वादों और धोखे से बचाएगा और उनकी सुरक्षा को मजबूती देगा। यह विधेयक महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और उनके अधिकारों की प्रतिबद्धता को प्रमोट करने का एक और कदम है और समाज में सामाजिक समरसता और समानता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor