जयपुर : कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में एक बार फिर से हड़कंप मच गया है। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार सिविल लाइन विधान सभा में पूर्व MLA चुनाव में बूथ कैप्चरिंग और अपहरण जैसे मामलों के लिए कुख्यात जगदीश चौधरी, जो पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खचरिवास का करीबी माना जाता है, अब सोसाइटी चुनाव में अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बन गया है।

जगदीश चौधरी पहले भी धर्म विरोधी कृत्यों में कॉलोनी वालों ने विरोध किया था। राम मंदिर के पीले चावल बांटने आये राम भक्तों और महिलाओं के साथ अभद्रता मामले में शामिल था, जिसकी सूचना तमाम मीडिया चैनल्स के माध्यम से प्रसारित हुई थी।

इस स्थिति ने सोसाइटी के निवासियों में खौफ और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।

सोसाइटी के चुनाव, जो 26 मई को होने वाले थे, को अचानक से स्थगित कर दिया गया। चुनाव अधिकारियों कर्नल नवीन ढाका, किशन लाल शर्मा और प्रवीण बगड़ी ने यह निर्णय लिया क्योंकि चुनावी प्रक्रिया पर कई गंभीर आपत्तियाँ उठाई गई थीं। इनमें सबसे प्रमुख आपत्ति यह थी कि चुनाव में भाग लेने वाले कुछ उम्मीदवारों के पास सोसाइटी की वैध सदस्यता नहीं है, जो राजस्थान अपार्टमेंट एक्ट 2020 के अनुसार अनिवार्य है।

कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी
कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी

जानकारी के अनुसार, 23 मई को महावीर सिंह जी (अध्यक्ष पद के उम्मीदवार) और उनके समर्थकों ने चुनाव अधिकारियों को एक लीगल नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने विपक्षी पैनल के कई उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने की मांग की। यह दलील दी गई थी कि उम्मीदवारों के पास सोसाइटी की सदस्यता नहीं है, जो चुनाव में भाग लेने के लिए आवश्यक है। इस मुद्दे पर चुनाव अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बाईलॉज में सदस्य की परिभाषा स्पष्ट है कि जो अपार्टमेंट ओनर है, वह स्वाभाविक रूप से सदस्य है।

चुनाव अधिकारियों ने इस विवाद को हल करने के लिए 25 मई को एक बैठक बुलाई, लेकिन बैठक में समाधान नहीं निकल पाया और माहौल तनावपूर्ण हो गया। चुनाव अधिकारियों ने चुनाव स्थगित करने का निर्णय लिया और निर्देश दिया कि वर्तमान कार्यकारिणी पुनः आम सभा आयोजित कर सभी शंकाओं का समाधान करे और फिर से सर्वसम्मति से चुनाव करवाए।

सोसाइटी के कई सदस्य इस निर्णय से नाखुश हैं। उनका मानना है कि चुनाव अधिकारी जगदीश चौधरी और उनके समर्थकों के दबाव में आकर काम कर रहे हैं। सोसाइटी के कई निवासियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से पूरी कॉलोनी परेशान है और अब एक बार फिर से चुनाव को लेकर विवाद पैदा हो गया है।

सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जिनके पास सदस्यता नहीं है। इस पूरे मामले में राजस्थान अपार्टमेंट एक्ट 2020 की अनदेखी हो रही है, जिसे तुरंत ठीक किया जाना चाहिए।

आम सभा के सदस्यों ने मांग की है कि चुनाव को जल्द से जल्द पुनः आयोजित किया जाए और सदस्यता की शर्तों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि ऐसे लापरवाह चुनाव अधिकारियों पर मानहानि का केस दर्ज किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor