Income Tax RefundIncome Tax Refund

Income Tax Refund : Income Tax रिटर्न दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स यदि संबंधित फाइनेंशियल ईयर में अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करते हैं तो वे इनकम टैक्स रिफंड के लिए पात्र हो जाते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है। इसके बाद अगर कोई आईटीआर फाइल करता है तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा।

हालांकि यह संभव है कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद टैक्सपेयर रिफंड प्राप्त करने में विफल हो सकता है या इसमें देरी हो सकती है। भले ही आयकर विभाग अब कुछ दिनों के भीतर रिफंड जारी कर दे रहा है, लेकिन कुछ कारणों से आयकर रिफंड की प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

  1. ITR वेरिफाइड नहीं है:
    कई मामलों में टैक्सपेयर्स आखिरी तारीख से पहले अपना रिटर्न दाखिल करते हैं लेकिन वेरिफिकेशन करने में विफल रहते हैं। आईटीआर को वेरिफाई करना महत्वपूर्ण है। ऐसा न करने पर आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। एक बार जब आप रिटर्न वेरिफाई कर लेंगे तभी रिफंड की प्रक्रिया की जा सकेगी। आईटीआर दाखिल करने के कुछ ही मिनटों में आईटीआर का वेरिफिकेशन ऑनलाइन या आधार से जुड़े ओटीपी के माध्यम से किया जा सकता है। आईटीआर दाखिल करते ही इसे ई-वेरिफाई करने की सलाह दी जाती है।
  2. ITR प्रोसेस नहीं करने पर भी रिफंड रुक सकता है:
    यदि आयकर विभाग द्वारा आईटीआर प्रोसेस नहीं किया गया है तो आपके रिफंड में देरी हो सकती है। आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करके आईटीआर प्रोसेसिंग की स्थिति की जांच कर सकते हैं। आप बिना लॉग इन किए भी आईटीआर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर रिफंड इश्यू स्टेटस चेक कर सकते हैं। रिफंड री-इश्यू का विकल्प चुनकर आप अपना रिफंड पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
  3. गलत या इनवैलिड बैंक खाता:
    यदि आपने आईटीआर दाखिल करते समय गलत या अमान्य बैंक खाते का नंबर दिया है तो भी आपका रिफंड अटक सकता है। इस मामले में, आप रिफंड री-इश्यू का विकल्प चुन सकते हैं और सही बैंक खाते नंबर को सबमिट करके रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
  4. अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता:
    कुछ मामलों में यदि आयकर विभाग को आपसे अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है, तो टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है। आपको आयकर विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा में आवश्यक दस्तावेजों को जमा करने के लिए अनुरोध किया जाएगा, जिससे आपको आपके रिफंड को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

इन पांच कारणों के चलते टैक्सपेयर्स को अपने Income Tax Refund को प्राप्त करने में देरी हो सकती है। टैक्सपेयर्स को अपने आईटीआर दाखिल करने से पहले ध्यान देने योग्य सभी विवरणों का सत्यापन करना चाहिए और आईटीआर को समय पर वेरिफाई कर लेना चाहिए ताकि रिफंड प्रक्रिया में कोई देरी न हो।

By मनोज कुमार बोहरा

मनोज कुमार बोहरा (Sr. Accountant & Tax Consultant - Bohara Associates Jaipur) आधुनिक समय में जब समाचार पत्रिकाएं और मीडिया विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, तो मनोज कुमार बोहरा एक ऐसे लेखक हैं जो अपने संवेदनशील और विचारशील लेखन के जरिए विचारों को प्रकट करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। उनका सार्थक लेखन विविध मुद्दों पर पाठकों के मनोभावों को छूने में सक्षम है। मनोज कुमार बोहरा एक सीनियर अकाउंटेंट और टैक्स कंसल्टेंट हैं, जो बोहरा एसोसिएट्स, जयपुर में अपना व्यावसायिक कार्य संचालित करते हैं। वे वित्तीय सलाहकारी के रूप में उन्हें स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों के लिए टैक्स प्लानिंग, बुद्धिमान निवेश, बजटिंग, बुककीपिंग, और अन्य वित्तीय सेवाओं के मामले में सलाह देते हैं। उनके पास विभिन्न उद्योगों में व्यापारिक अनुभव की 10 वर्षों की गरिमा है। मनोज कुमार बोहरा को उनके व्यापारिक संबंधी ज्ञान के साथ-साथ उनके विचारों को सार्थक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने का ज्ञान है। उनके कॉलम आम जनता के बीच बड़े रुझानों, नीतियों, और समाजिक मुद्दों पर उनके विचार और उनके व्यापारिक अनुभवों को दर्शाते हैं। वे अपने लेखों में समस्या के पक्ष और विपक्ष दोनों के प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं जो उन्हें वाद-विवाद का माध्यम बनाता है। मनोज कुमार बोहरा के कॉलम लेखन का विशेषता यह है कि वे एक समीक्षात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, जो पाठकों को सोचने पर उत्तेजित करता है। उनके शैली में संवेदनशीलता, सरलता, और समझदारी की एक खास छाप होती है। वे सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक मुद्दों को नए प्रकार से समझाने की कोशिश करते हैं जो पाठकों के अध्ययन और जीवन को समृद्ध करती है। मनोज कुमार बोहरा व्यापार, वित्त, और कर संबंधी मुद्दों पर अपने गहरे ज्ञान के लिए मान्यता प्राप्त एक प्रसिद्ध सलाहकारी हैं। उन्हें व्यावसायिक समस्याओं को समझने और नई समीक्षा और विचार के साथ समाधान उपलब्ध करने में महारत है।

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