2023 Rajasthan Legislative Assembly election : राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। दोनों ही पार्टियों के पास जीत के लिए मजबूत दावेदार हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी। भाजपा 73 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार भी दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस ने अशोक गहलोत को फिर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने कोई सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है।
राजस्थान में इस बार चुनाव कई बड़े मुद्दों पर लड़ा जाएगा। इनमें बेरोजगारी, महंगाई और विकास शामिल हैं। मतदाता इन मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों से सवाल पूछेंगे।
चुनाव आयोग ने राजस्थान में मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में 23 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान में इस बार का चुनाव काफी कड़ा होगा। दोनों ही पार्टियों के पास जीत के लिए मजबूत दावेदार हैं।
मतदाताओं की नजर में क्या है प्रमुख मुद्दे
राजस्थान में इस बार के चुनाव में प्रमुख मुद्दों में बेरोजगारी, महंगाई और विकास शामिल हैं। मतदाता इन मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों से सवाल पूछेंगे।
चुनाव आयोग ने सभी प्रत्याशियों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में इन मुद्दों पर अपनी योजनाओं का उल्लेख करने का निर्देश दिया है।
मतदान के लिए तैयारियां पूरी
चुनाव आयोग ने राजस्थान में मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतदान के लिए राज्य में 24,900 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों पर 1.32 लाख मतदान अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने मतदान के लिए सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित कर ली हैं। चुनाव के दौरान राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1.8 लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर
राजस्थान में इस बार के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। दोनों ही पार्टियों के पास जीत के लिए मजबूत दावेदार हैं।
कांग्रेस को उम्मीद है कि वह 2018 की तरह इस बार भी सरकार बना सकती है। पार्टी ने अशोक गहलोत को फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है। गहलोत ने पिछले पांच साल में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने सरकार को चलाने में कामयाबी हासिल की है।
भाजपा भी इस बार सत्ता में वापसी की पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी ने वसुंधरा राजे को चुनावी अभियान का चेहरा बनाया है। राजे ने राजस्थान में 15 साल तक सरकार चलाई है। उनका अनुभव और लोकप्रियता भाजपा के लिए बड़ी ताकत है।
राजस्थान में इस बार चुनाव कई बड़े मुद्दों पर लड़ा जाएगा। इनमें बेरोजगारी, महंगाई और विकास शामिल हैं। मतदाता इन मुद्दों पर दोनों ही पार्टियों से सवाल पूछेंगे।
चुनाव आयोग ने राजस्थान में मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में 23 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।
मतदाताओं का फैसला
राजस्थान में इस बार का चुनाव काफी कड़ा होगा। दोनों ही पार्टियों के पास जीत के लिए मजबूत दावेदार हैं। अंत में मतदाताओं का फैसला ही चुनाव का परिणाम तय करेगा।