Sahara Refund Portal: सहारा इंडिया के करोड़ों इन्वेस्टर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सभी निवेशकों के सालों से फंसे पैसे जल्द ही वापस मिल सकते हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृहमंत्री अमित शाह इस सिलसिले में अपना वादा जल्द पूरा करने वाले हैं और सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स के फंसे पैसों की पूरी वापसी के लिए एक डेडिकेटेड पोर्टल लॉन्च करने वाले हैं।
अमित शाह करेंगे Sahara Refund Portal लॉन्च, सहारा इंडिया में फंसे लोगों के मिलेंगे पैसे?
बताया जा रहा है कि Sahara Refund Portal पर सहारा इंडिया के तमाम इन्वेस्टर्स के डिटेल्स होंगे। साथ ही इन्वेस्टर्स के इन्वेस्टमेंट और रिफंड के पात्र इन्वेस्टर्स की जानकारी भी पोर्टल पर होगी। पोर्टल पर इसके साथ ही यह जानकारी मुहैया कराई जाएगी कि सहारा में निवेश किए गए पैसों को कैसे वापस पाया जा सकता है।
इस बड़ी घोषणा से लाखों सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स को राहत मिलेगी, जो वर्षों से पैसे की वापसी की उम्मीद में इंतजार कर रहे थे। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में आदेश जारी किया था कि सहारा के चार सहकारी समितियों में फंसे पैसों की वापसी के काम को 9 महीने में पूरा किया जाए।
सहारा इंडिया ने सहारा-सेबी फंड में 24,000 करोड़ रुपये जमा किए थे, जिसे अब इन्वेस्टर्स को वापस करने का यह पोर्टल माध्यम होगा। इससे इन्वेस्टर्स में बड़ी उम्मीदें जगी हैं कि उनके फंसे पैसे वापस मिल सकेंगे।
सहारा इंडिया का यह विवाद साल 2009 से चल रहा है, जब सहारा ने गलत तरीके से 24,000 करोड़ रुपये जमा किए थे। सेबी के सामने आए इस मामले में सहारा ने अनियमितता को पकड़ा गया था और सेबी ने उन्हें दावों के साथ पैसों की वापसी के निर्देश दिए थे। अब सरकार की इस कदम से इन्वेस्टर्स में पैसे वापसी की उम्मीद जगी है।
सहारा इंडिया के साथ ही हाल ही में सहारा इंडिया लाइफ
इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को भी राहत मिली है। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने सैट के आदेश पर रोक लगाई है, जिससे यह बीमा कंपनी अपना कारोबार जारी रख सकेगी। इससे सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स को एक और संकेत मिला है कि सरकार उनके पैसे वापसी को लेकर संवेदनशील है।
सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स के लिए गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लॉन्च होने जा रहे सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे निवेशकों को उनके फंसे पैसों की पूरी वापसी में मदद मिलेगी। इस विकास से इन्वेस्टर्स में एक बड़ी उत्साहिता और आशा जागी है कि उनकी मुश्किलें जल्दी हल होंगी।
यह खुशखबरी सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स के लिए एक बड़ी संग्राम जीतने की तरह है, जो सालों से अपनी पैसों की वापसी के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनकी उम्मीद पूरी होने जा रही है और इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है। सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स के पैसों की पूरी वापसी के साथ, इन्वेस्टर्स को अपनी आने वाली निवेश योजनाओं में भी भरोसा और विश्वास होगा।
सरकार ने 29 मार्च को कहा था कि सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के करीब 10 करोड़ निवेशकों को नौ महीने के भीतर पैसे लौटाए जाएंगे। यह घोषणा उच्चतम न्यायालय के 5,000 करोड़ रुपये सहारा-सेबी रिफंड खाते से केंद्रीय सहकारी समिति रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित करने के आदेश के बाद की गई थी। सहकारिता मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सहारा समूह के निवेशकों की तरफ से दावा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मंगलवार को एक विशेष पोर्टल जारी किया जाएगा। सहकारिता मंत्री शाह इस पोर्टल का उद्घाटन करेंगे।
5,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का आदेश
मंत्रालय ने कहा, “सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की तरफ से वैध दावे जमा करने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है।” इन सहकारी समितियों के नाम सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैं। सहारा समूह की इन सहकारी समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की थी। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इनके दावों की भरपाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था।
ब्याज सहित पैसे लौटाने का किया गया था वादा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सहारा समूह द्वारा चलाई जा रही चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ से अधिक निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित मिलेगा। गौरतलब है कि इन निवेशकों का धन इन चार सहकारी समितियों में फंसा हुआ है। उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश जारी किया है। शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय लगातार इस मामले को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने निवेशकों से अपने दावे केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक को भेजने के लिए कहा था।
सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस को सैट से मिली थी राहत
हाल ही में सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को बड़ी राहत देते हुए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने दो लाख पॉलिसी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने के बीमा नियामक इरडा के आदेश पर ?रोक लगा दी थी। सैट का यह आदेश सहारा इंडिया लाइफ की उस अपील पर आया है जिसमें भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के आदेश को चुनौती दी गई थी। इरडा ने गत दो जून को पारित अपने आदेश में सहारा इंडिया लाइफ का पूरा कारोबार एसबीआई लाइफ को हस्तांतरित करने को कहा था। इसके अलावा बही खातों एवं बैंक खातों को भी स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। सहारा समूह की बीमा कंपनी की बिगड़ती वित्तीय सेहत को देखते हुए इरडा ने यह फैसला किया था। इसके खिलाफ सहारा इंडिया लाइफ ने सैट में अपील की थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने मंगलवार को पारित अपने आदेश में कहा कि इरडा के इस आदेश के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगाई जा रही है। यह मामला अब तीन अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।