Udaipur News – हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) 2023 के विधानसभा चुनाव में दक्षिणी राजस्थान में भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द बनने वाली है। वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल को अपनी पार्टी के लिए नए हनुमान के रूप में उदय लाल डांगी भाजपा से बागी होकर सशक्त साथी मिला है।

2018 के चुनाव में यही उदयलाल डांगी वल्लभनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर छियालिस हजार से अधिक वोट प्राप्त किए थे। फिर 2021 के उप चुनाव में उदय लाल डांगी टिकट कट जाने पर भाजपा से बागी होकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहते हुए लगभग पचास हजार मत प्राप्त किए और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत जब्त करवाई।

वैसे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का उदयपुर संभाग में आगाज 2018 के चुनाव में कपासन सीट पर हो गया था जब शांतिलाल धोबी ने सताईस हजार से अधिक मत प्राप्त कर सभी को चौंका दिया था। अब धीरे-धीरे 2023 के विधानसभा चुनाव में हनुमान के नए साथी उदयलाल डांगी दक्षिण राजस्थान के कपासन, मावली, वल्लभनगर, सलूंबर, उदयपुर ग्रामीण जैसी सीटों पर लगातार प्रयास कर रहे हैं जो कि भाजपा के लिए नई मुसीबत बनकर उभरे हैं।

2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट प्राप्त करने से वंचित रहने पर कई दावेदार रालोपा का दामन थाम सकते हैं। उदयलाल डांगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश महामंत्री की अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं और लगातार सक्रिय हैं। उदयपुर संभाग की लगभग आधा दर्जन विधानसभा सीटों पर सीधा-सीधा भारतीय जनता पार्टी को नुकसान हो सकता है।

राजस्थान में सत्ता के लिए भाजपा कांग्रेस के बीच चुनावी मुकाबले बहुत ही नजदीकी होने वाला है और रालोपा अगर उदयपुर संभाग में दो-तीन सीटों पर ही अपना प्रभाव दिखा देती है तो है तो भाजपा के लिए यह खतरे की घंटी होगी। ऐसे में भाजपा आलाकमान के सामने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में नई मुसीबत बनकर खड़ी है जिसके समाधान के बिना भाजपा की राह आसान नहीं होने वाली है।

रालोपा का उदयपुर संभाग में प्रभाव

2018 के विधानसभा चुनाव में उदयपुर संभाग में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने कपासन सीट पर 27,498 वोट प्राप्त कर सभी को चौंका दिया था। इस सीट पर शांतिलाल धोबी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को 10,000 से अधिक वोटों से हराया था।

2021 के वल्लभनगर उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उदयलाल डांगी ने 49,611 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहते हुए भाजपा के प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत जब्त करवा दी थी।

इन चुनावी परिणामों से यह साफ है कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी उदयपुर संभाग में लगातार मजबूत होती जा रही है। 2023 के विधानसभा चुनाव में यह पार्टी भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती है।

भाजपा के लिए चुनौती

2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती उदयपुर संभाग में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का प्रभाव होगा। अगर रालोपा इस संभाग में दो-तीन सीटें जीत जाती है तो यह भाजपा के लिए बड़ा झटका होगा।

भाजपा को अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को रालोपा के प्रभाव से बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। उसे उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को साधने की कोशिश करनी होगी जो भाजपा से नाराज होकर रालोपा का दामन थाम सकते हैं।

अगर भाजपा इस चुनौती का सामना नहीं कर सकी तो उसे राजस्थान में सत्ता में वापसी में बड़ी मुश्किलें आ सकती हैं।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor