टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवींटॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं

बागपत, उत्तर प्रदेश: (टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं) एक पालतू कुत्ते की मृत्यु के बाद, गांववाले मिलकर उस प्यारे कुत्ते की याद में उसके तेरहवीं दिन के रूप में एक दिलकश आयोजन किया। इस आयोजन को ‘तेरहवीं’ (तेरहवीं दिन की शोक परंपरा) का एक भोज के रूप में मनाया गया, जिससे गांव के लोग उन प्यारी यादों को याद कर सकें, जिन्होंने गांव के सभी निवासियों के दिलों में विशेष स्थान प्राप्त किया था।

टॉमी, जिसे लोग प्यार से मुन्ना भी कहते थे, गांव में एक प्रियजन के रूप में रहकर सभी के जीवन में खुशी और गर्मी लाने में शामिल था। बागपत जिले के बिजरौल गांव के लोगों ने टॉमी की यादों को अमर करने के लिए शांति यज्ञ (शांति की अनुष्ठानिक प्रार्थना) और ‘ब्रह्म भोज’ (सामूहिक खान-पान) का आयोजन किया।

टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं
टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं

टॉमी, जिसे प्यार से मुन्ना भी कहा जाता था, गांव के निवासियों के लिए उनके सुरक्षा और कल्याण की गारंटी थी। उसके इस दुखद निधन के बाद, गांव के लोग मिलकर उसकी आत्मा की शांति के लिए सभी आवश्यक धार्मिक क्रियाएँ की।

बागपत में टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं और ब्रह्मभोज, प्यारे कुत्ते के लिए गांव दुखी

आज टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं का आयोजन हुआ, और बिजरौल गांव के निवासियों ने इस आयोजन में भाग लिया। सैकड़ों लोग उपस्थित थे, और वे टॉमी को फूल अर्पित करते हुए तथा सामूहिक भोज में भाग लेते हुए दिखाई दिए। गांव के लोग टॉमी की गुणवत्ताओं की यादें ताजगी से मना रहे थे, जिन्होंने उन्हें गांव के सभी लोगों के दिलों में बसा दिया था। उनकी अनुपस्थिति ने गांव के लोगों के दिलों में गहरा दुख छोड़ दिया था।

कुसुमलता, एक गांव की निवासी, ने टॉमी की देखभाल की, जिन्हें वह उसके माता-पिता की तरह ही पाला था, जब उसकी मां उसे दो दिन की आयु में छोड़कर चली गई थी। उन्होंने उसे प्यार और देखभाल से बढ़-चढ़कर पाला, उसे सर्दियों में रजाई में लपेटकर सुलाया और उसकी देखभाल की।

टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं
टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं

टॉमी, जिसे मुन्ना भी कहते थे, गांव के लोगों के लिए बस कुत्ता नहीं था, बल्कि उन्होंने उसे बाइक राइड पर साथ लेने में भी आनंद लिया था, हालांकि कभी-कभी वह नाराज हो जाता था और खाने में इन्कार कर देता था। आज गांव के लोग उसके लिए आखिरी विदाई देते समय उसकी आत्मा के शांति की प्रार्थना करके उसे याद करते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।

इस दिलचस्प घटना ने न केवल गांववालों के उनके प्यारे पालतू मित्र के प्रति प्रेम और सम्मान की प्रकटीकरण की, बल्कि यह मानव और पशु दोनों के बीच उत्कृष्ट संबंध की महत्वपूर्णता को भी प्रकट किया। टॉमी की यादें बिजरौल गांव के निवासियों के दिलों में जीवित रहेंगी, उन्हें उनके प्यारे पालतू मित्र के साथ साझा किए गए अच्छे रिश्ते की याद दिलाती रहेंगी।

शांति यज्ञ और ब्रह्म भोज कराया गया आयोजन : टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं

यूं तो यदा कदा इंसानों के अलावा भी जानवरो की मौत के बाद कुछ पशु प्रेमी अपने द्वारा पाले गए जानवर से लगाव के चलते उसकी आत्मा की शांति हेतु अंतिम रस्में करता है। लेकिन बागपत में एक गली के कुत्ते की मौत पर पूरे गांव के लोगो ने मिल कर ‘टॉमी उर्फ मुन्ना’ की आत्मा की शांति के लिये शांति यज्ञ किया और उसके बाद ब्रह्म भोज कराया।

अपनी जिंदगी बचाने वालो के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया

दरअसल टॉमी उर्फ मुन्ना पूरी गली का ही लाडला था और पूरे मोहल्ले की हिफाज़त करता था। करीब बारह वर्ष की आयु में टॉमी उर्फ मुन्ना का देहांत 6 अगस्त को हो गया था। टॉमी की मौत के बाद गांव वालों ने टॉमी उर्फ मुन्ना की आत्मा की शांति के लिए सभी अंतिम क्रियाएं की। इस क्रम में आज टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं आयोजित की गई। गांव वालो का कहना है कि टॉमी की अच्छाइयों के कारण पूरा गांव उसे आज याद कर रहा है। एक दिन का ही था टॉमी जब वो अनाथ हो गया था टॉमी को मोहल्ले वालों ने पाला और टॉमी ने भी अपनी जिंदगी बचाने वालो के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। टॉमी की मौत के बाद पूरा गांव दुखी है।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor