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Rajasthan News: उदयपुर में जमीन कनवर्जन के बदले में 12 लाख रुपये की घूस लेने के मामले में एसीबी ने शहरी विकास और आवास विभाग के प्रमुख सचिव IAS कुंजीलाल मीणा(Kunji Lal Meena), संयुक्त सचिव मनीष गोयल और अनुभाग अधिकारी हरिमोहन और दलाल लोकेश जैन पर केस दर्ज किया है. इस मामले का दलाल अभी एसीबी की हिरासत में है. एसीबी ने उसके कब्जे से कई सामान बरामद किया है.

उदयपुर एसीबी ने बुधवार को जयपुर एसीबी मुख्यालय थाने में एफआइआर दर्ज करवाई है, जिसमें IAS कुंजीलाल मीणा(Kunji Lal Meena), मनीष गोयल, यूडीएच के अनुभाग अधिकारी हरिमोहन और दलाल लोकेश जैन को नामजद किया है।

नगरीय विकास विभाग यूडीएच में IAS कुंजीलाल मीणा प्रिंसीपल सेक्रेटरी और मनीष गोयल संयुक्त शासन सचिव हैं, वहीं लोकेश जैन उदयपुर के मामलों में यूडीएच अधिकारियों के लिए दलाली करता था

acb lodged FIR Against IAS Kunjilal meena and RAS Manish goyal in corruption charges Copy jpg

क्या है पूरा मामला

एसीबी ने उदयपुर में परिवादी डॉक्टर देवीलाल की शिकायत पर आठ मई को घूस लेते हुए दलाल लोकेश जैन को पकड़ा था. इस मामले में विभाग के प्रमुख सचिव IAS कुंजीलाल मीणा, संयुक्त सचिव मनीष गोयल, हरिमोहन पर आरोप लगे थे.

लोकेश के मोबाइल से उसके और परिवादी डॉक्टर देवीलाल के बीच सौदेबाजी के लिए वाट्सऐप की चैटिंग मिली थी. इसके साथ ही एनओसी की डील का एक ऑडियो सामने आया था. इसमें दलाल कई बार कुंजीलाल मीणा, मनीष गोयल, हरिमोहन और एक बार मंत्री का जिक्र करता रहा. हालांकि प्रमुख सचिव का कहना था कि इस मामले में कोई लेन-देन नहीं हुआ है. 

एसीबी को सूचना मिली थी कि पैसे लेने के बाद ही विभाग से कन्वर्जन को मंजूरी दी गई. अदालत ने लोकेश जैन को 11 मई तक की रिमांड पर भेजा है. 

परिवादी एनओसी के लिए कबसे भटक रहा है

अखबार ‘दैनिक भास्कर‘के मुताबिक परिवादी ने 0.9157 हेक्टेयर पैतृक जमीन का लैंड यूज बदलने के लिए एनओसी का आवेदन 2019 में दिया था. दो साल में भी एनओसी न मिलने पर उन्होंने दलाल लोकेश जैन से संपर्क किया.इसके बाद सौदा 25 लाख रुपये में तय हुआ. इतनी रिश्वत की बात सुनकर परिवादी ने इस साल 21 अप्रैल को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई.

एसीबी ने लोकेश के घर से लैपटॉप, मोबाइल और कुछ फाइलें जब्त की हैं. एसीबी को जमीन से जुड़ी 150 फाइलें मिली हैं. आरोपी ने पांच  लाख रुपये बीघा के हिसाब से रिश्वत मांगी थी.

ऐसे चला रिश्वत का खेल

गौरतलब है कि यूडीएच में रिश्वत का खेल उजागर होने के बाद से ही अधिकारी खुद को बचाने की जुगत में लगे हैं। परिवादी की भू-रूपांतरण की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी थी और परिवादी यूडीएच के आला अधिकारियों के यहां कई चक्कर लगा चुका था, लेकिन उसकी फाइल पर सुनवाई नहीं हुई। परिवादी देवीलाल चौधरी की दलाल लोकेश जैन से मुलाकात हुई।

दलाल ने 25 लाख रुपए में परिवादी का काम करवाने का आश्वासन दिया, लेकिन रकम अधिक होने पर परिवादी पहले तैयार नहीं हुआ। इस दौरान परिवादी ने एसीबी में शिकायत की और इसके बाद दलाल ने 2 मई को 12 लाख रुपए में परिवादी को एनओसी दिलाने का सौदा तय किया। एसीबी सूत्रों के मुताबिक, दलाल से जैसे ही रिश्वत के 12 लाख रुपए का सौदा तय हुआ।

5 मई को वाट्स-एप पर भेजी एनओसी की कॉपी और बोला 12 लाख रूपए ले आना

एसीबी से प्राप्त जानकारी के अनुसार 5 मई को दलाल लोकेश जैन ने यूडीएच संयुक्त शासन सचिव मनीष गोयल द्वारा जारी की गयी एनओसी की कॉपी परिवादी को वाट्स-एप पर भेजी थी और 12 लाख रूपए लेकर आने को कहा था।

परिवादी ने तीन दिन में रिश्वत में देने के लिए 5 लाख रूपए का इंतजाम ही कर सका था, इस पर एसीबी ने 7 लाख रूपए डमी करेंसी मिलाई। इसके बाद 8 मई को एसीबी ने यूआईटी के बाहर से लोकेश जैन को परिवादी से 12 लाख रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

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2 मई को फोन पर प्रार्थी व दलाल में डील, दलाल बोला- 12 कह दूं उनको?

प्रार्थी- हां! काम तो कराना ही है
दलाल : बात हो गई प्रिंसिपल सेक्रेट्री के लेवल से। पहले हाउसिंग बोर्ड से, फिर यहां (यूआईटी) का काम होगा। एक काम और हो सकता है, कि आपकी जमीन का 10 प्रतिशत आप ले लो तो सब यहीं करा देंगे।
प्रार्थी : मेरी जमीन का 10 प्रतिशत ही तो मांग रहा हूं मैं।
दलाल: मनीष जी (संयुक्त सचिव) ने भेज भी दिया आपका लेटर, ऊपर वाले साहब ने किया नहीं शायद। अब मैंने उनको वापस सेट किया है।
प्रार्थी : मनीष जी ने मुझे कहा कि मैंने तो कर दिया (लेटर आगे भेज दिया) ऑब्जेक्शन लगाया है उन्होंने (प्रमुख शासन सचिव)।
दलाल : अब देवीलाल जी ये एनओसी मंगाना है तो क्या करना है? ये बताओं आप तो? ताकि मैं मंगवा दू कल।
प्रार्थी : तो इसका आप बता दो।
दलाल : 12 कह दूं उनको 12
प्रार्थी : अच्छा। तो अपने वो काम तो जाएगा ना बाद वाला भी
दलाल : तो मैं उसकी गारंटी नहीं ले सकता, लेकिन मैं ये गारंटी ले सकता हूं कि वो वापस जाएगा तो करवा जरूर देंगे। खर्चा क्या लगेगा यह भी नहीं बता सकता क्योंकि वो फाइल जाएगी मंत्री जी के यहां।
प्रार्थी : हां‌‌‌! बोल दो उनको। कोई बात नहीं। काम तो करना ही है। आचार संहिता से पहले भेज देंगे।

एसीबी ने यूआईटी अधिकारियों से भी की पूछताछ

एसीबी ने मंगलवार को यूआईटी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी दलाल के बारे में पूछताछ की। दलाल यूआईटी में किन-किन लोगों के संपर्क में था इसके बारे में जानकारी ली गई। हालांकि अभी तक यूआईटी में किसी से दलाल का संपर्क होने की सूचना नहीं है। इधर, एसीबी की कार्रवाई के दूसरे दिन लोकेश के घर पर दिनभर गहमागहमी का माहौल बना रहा।

By Jagnnath Singh Rao

Jagnnath Singh Rao - News Editor and Journalist