राजस्थान चुनाव 2023: जाट जिसके साथ उसी की बनेगी सरकार, जानिए क्या कहता है इस बार का समीकरण
जयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में जाट समुदाय की भूमिका अहम मानी जा रही है। राज्य की कुल 200 विधानसभा सीटों में से 40 पर इस जाति का असर साफ दिखता है। इसलिए जाट वोटों पर मुख्य दलों-भाजपा और कांग्रेस के अलावा हनुमान बेनीवाल की आरएलपी और हरियाणा की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की भी नजरें हैं। इस बार जाट समुदाय भी राज्य की अगली सरकार में अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है।
जाट वोटों के लिए भाजपा और कांग्रेस की जोड़-तोड़
जाट वोटों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने जोड़-तोड़ शुरू कर दी है। भाजपा ने जाटों के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल किया है, जबकि कांग्रेस ने जाटों की मांगों को पूरा करने का वादा किया है।
आरएलपी और जेजेपी भी जाट वोटों के लिए सक्रिय
हनुमान बेनीवाल की आरएलपी और हरियाणा की जेजेपी भी जाट वोटों के लिए सक्रिय हैं। आरएलपी ने जाटों के लिए 100% आरक्षण की मांग उठाई है, जबकि जेजेपी ने जाटों को राज्य में 20% आरक्षण देने का वादा किया है।
जाट समुदाय की क्या है मांग
जाट समुदाय की मांग है कि उसे राज्य में आरक्षण और नौकरियों में हिस्सेदारी दी जाए। साथ ही, जाटों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी काम किया जाए।
जाट वोटों का फैसला करेगा चुनाव
राजस्थान में जाट वोटों का फैसला चुनाव का परिणाम तय करेगा। अगर भाजपा और कांग्रेस जाटों को साधने में सफल हो जाती हैं, तो दोनों दलों के लिए सरकार बनाना आसान हो जाएगा। वहीं, अगर आरएलपी और जेजेपी जाट वोटों को अपने पक्ष में कर लेती हैं, तो राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जाट वोटों का इस बार का चुनाव बहुत ही रोमांचक होगा।