Kolayat Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में बीकानेर जिले की कोलायत सीट पर मुकाबला काफी रोचक होने जा रहा है। यहां कांग्रेस के भंवर सिंह भाटी और बीजेपी के अंशुमान सिंह भाटी आमने सामने हैं। दोनों ही प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं और दोनों ही जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
अंशुमान सिंह भाटी की लोकप्रियता से भंवर सिंह भाटी की मुश्किलें बढ़ी हैं। अंशुमान सिंह भाटी बीकानेर जिले के कोलायत क्षेत्र के एक जाने-माने व्यक्ति हैं। वह अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं और उनके कामों की जनता सराहना करती है।
अंशुमान सिंह और भंवर सिंह भाटी के बीच मुकाबला
अंशुमान सिंह भाटी के पिता और देवी सिंह भाटी के पुत्र स्वर्गीय महेंद्र सिंह भाटी भी बीकानेर से सांसद थे. कोलायत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अंशुमान का मुक़ाबला पिछले दो बार से जीत रहे कांग्रेस विधायक भंवर सिंह भाटी से है. कांग्रेस से ही बग़ावत कर आरएलपी से चुनाव लड़ रहे रेवंत राम पंवार ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. रेवंत राम दलित समुदाय से हैं और इस क्षेत्र में इस समुदाय के वोट भी काफ़ी हैं, लेकिन कोलायत सामान्य सीट है.
अंशुमान सिंह भाटी ने अपने चुनाव प्रचार में युवाओं और महिलाओं को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने क्षेत्र में कई विकास कार्य करवाने का वादा किया है।
भंवर सिंह भाटी पिछले 2008 से लगातार इस सीट से विधायक हैं। वह अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं और उनके कामों की जनता सराहना करती है।
हालांकि, अंशुमान सिंह भाटी की लोकप्रियता और बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के बीच सुलह-समझौते से भंवर सिंह भाटी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
चुनाव में अर्जुनराम मेघवाल- देवी सिंह भाटी साथ
अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि वर्तमान और भविष्य के साथ केंद्रीय नेतृत्व सभी मिलकर आगे बढ़ने की सोच के साथ काम कर रहे हैं. इसी तरह देवी सिंह भाटी ने भी कहा कि पहले गलतफहमियों से कुछ दूरियां हो गई है. अब नरेंद्र मोदी को मजबूत करने के लिए दोनों नेता मिलकर काम करेंगे. जिले की सातों सीटों के साथ संभाग और प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए काम करेंगे.
बीजेपी के लिए फायदेमंद होगी दोस्ती ! अर्जुन राम मेघवाल और देवी सिंह भाटी हुए एक, अब कोलायत पर टिकी सबकी निगाह
माना जा रहा है देवी सिंह भाटी और मेघवाल के साथ आने से बीकानेर और श्रीगंगानगर जिले की विधानसभा सीटों पर बीजेपी को लाभ हो सकता है. देवीसिंह भाटी गुर्जर समुदाय से नेता हैं तो अर्जुनराम मेघवाल दलित नेता है. दोनों ही नेताओं की अपने-अपने समुदाय पर मजबूत पकड़ रही है. बीजेपी अपने कोर वोटबैंक के साथ-साथ दलित और गुर्जर वोटों के समीकरण से सहारे कांग्रेस के लिए चुनौती खड़ी कर सकती है, क्योंकि बीजेपी में गुटबाजी पर भी विराम लगेगा.
अंशुमान सिंह भाटी के लिए अर्जुनराम मेघवाल का प्रचार भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अर्जुनराम मेघवाल बीकानेर के सांसद हैं और वह क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। उनका प्रचार अंशुमान सिंह भाटी की जीत की संभावना को बढ़ा सकता है।
अंत में, कोलायत सीट पर कौन जीतता है, यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।