अमोदिनी फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन चार पैनल डिस्कशन हुए आयोजित और सात फिल्मों की हुई स्क्रीनिंगअमोदिनी फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन चार पैनल डिस्कशन हुए आयोजित और सात फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग

राजधानी जयपुर में झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में डोला फाउंडेशन सोशल वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से चल रहे दो दिवसीय बहुभाषीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव अमोदिनी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 का दूसरा दिन जाने माने डायरेक्टर अशोक पंडित के पैनल डिस्कशन के नाम रहा। जिसमें उन्होंने थिएटर, फिल्म मेकिंग, एक्टिंग, आज के दौर में सिनेमा में बदलाव जैसे अन्य पहलुओं पर अपनी बात रखी।

आयोजक देवज्योति रे ने बताया कि इस फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन की शुरुआत बंगाली फिल्म दोआंश की स्क्रीनिंग के साथ हुई। इसके बाद कन्हैया, भारत सर्कस, मां अलाप जैसी अन्य फिल्मों को भी दिखाया गया। इसके साथ ही चार अलग अलग पैनल डिस्कशन भी किए गए। पहला पैनल डिस्कशन सोमेन सेनगुप्ता द्वारा दी मेस्ट्रो एंड राजस्थान, दूसरा डिस्कशन गिरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा क्रिएट स्पेस इन फिल्म ए टॉक बाय इसरो, तीसरा डिस्कशन डॉ. अशोक पंडित द्वारा दी वर्ल्ड रिमेन साइलेंट और चौथा श्वेता मेहता द्वारा वाई गिविंग अप ऑन योर ड्रीम्स इज नॉट एन ऑप्शन को आयोजित किया गया।

उन्होंने आगे बताया कि आज इस फिल्म फेस्टिवल की अवॉर्ड नाइट सेरेमनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें थिएटर, फिल्म से जुड़े लोगों को उनके अलग अलग कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा।

गौरतलब है कि इस दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल के दौरान हिंदी, बंगाली, नेपाली, मलयालम, जर्मन भाषा की 15 फिल्मों को शोकेस किया गया है। फिल्म के प्रचारक संजय भूषण पटियाला है

By संजय भूषण पटियाला

फ़िल्म पत्रकारिता और प्रमोशनल रिलेशन्स का क्षेत्र संजय भूषण पटियाला के लिए केवल एक करियर ही नहीं है, बल्कि यह एक पूरे जीवन का तरीका है जिसमें वह अपने दृढ विश्वासों और कर्मठता के साथ आगे बढ़ते हैं। वे केवल एक पत्रकार नहीं हैं, बल्कि एक सामाजिक सक्रिय व्यक्ति भी हैं जो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पूर्णता से निर्वाह करते हैं। संजय ने फ़िल्म उद्योग के साथियों की मदद करने और नौकरियों को प्रमोट करने के कई सामाजिक पहलुओं में भाग लिया है, जो उनके समर्पण और उनकी समाजसेवा के प्रति प्रतिबद्धता की प्रतिबिंबित करते हैं। उनका 10 वर्षों का अनुभव फ़िल्म उद्योग के विभिन्न पहलुओं की समझ और संवादनाओं की सामर्थ्य का प्रमाण है और यह उन्हें विभिन्न प्रमुख पत्रिकाओं, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों और ब्लॉगों के लिए फ़िल्म समीक्षाएँ, समाचार लेख और विशेष रिपोर्ट्स लिखने में मदद करता है। उन्होंने अपने कैरियर के दौरान कई प्रमुख फ़िल्म प्रोजेक्ट्स के साथ काम किया है और उन्होंने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उनकी अद्वितीय अनुभवशीलता फ़िल्म उद्योग के विभिन्न पहलुओं की समझ और संवादनाओं की सामर्थ्य का प्रमाण है। संजय भूषण पटियाला का यह पूरा उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता से भरपूर सफर उनके प्रोफेशनल और सामाजिक पहलुओं के संयमित संगम की वजह से है, जो उन्हें एक सशक्त और सक्रिय फ़िल्म पत्रकार के रूप में उच्च पहुंचा दिया है