आजकल की दुनिया में डिग्री होना ही सब कुछ नहीं, अगर आपके पास सही स्किल्स नहीं हैं तो नौकरी मिलना मुश्किल हो सकता है। यही बात Joydeep Dutta को तब समझ आई, जब उन्होंने MCA (Master of Computer Applications) की डिग्री लेने के बाद भी 50 से ज्यादा कंपनियों से रिजेक्शन झेला। नौकरी के लिए भटकते रहे, घरवालों की उम्मीदें टूट रही थीं, और ऊपर से मोदी जी का पकौड़े तलने वाला बयान भी कानों में गूंज रहा था। लेकिन Joydeep ने तय कर लिया कि अब कुछ अलग करना है।
आज Joydeep एक सफल डिजिटल मार्केटिंग और ब्रांडिंग एक्सपर्ट हैं, अपनी खुद की कंपनी चला रहे हैं और सैकड़ों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था!
MCA के बाद भी नौकरी नहीं मिली, फिर क्या किया?
Joydeep Dutta का जन्म 26 मार्च 1991 को पश्चिम बंगाल के माणबाजार में हुआ। उनके पिता श्री कृष्ण चरण दत्ता और माता मीरा दत्ता ने हमेशा उन्हें अच्छी शिक्षा दी, ताकि वह एक अच्छी नौकरी पा सकें। Joydeep ने BCA (2011) और MCA (2014) की डिग्री तो ले ली, लेकिन जब जॉब मार्केट में कदम रखा तो पता चला कि डिग्री से ज्यादा इंटरव्यू क्लियर करने की स्किल्स चाहिए!
उन्होंने Capgemini जैसी बड़ी कंपनी के ऑफ-कैंपस टेस्ट में 90% स्कोर किया, लेकिन कम्युनिकेशन स्किल्स कमजोर होने की वजह से इंटरव्यू में रिजेक्ट हो गए! इसी तरह 50 से ज्यादा बार रिजेक्ट होने के बाद उन्हें समझ आया कि अब कुछ अलग करना होगा।
नौकरी नहीं मिली, तो खुद का बिजनेस शुरू किया – फिर सब गवां दिया!
Joydeep ने तय किया कि अब खुद कुछ नया करेंगे। उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग सीखी और 2019 में Affnosys India नाम की कंपनी शुरू की। बिजनेस अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर लॉकडाउन ने सब तबाह कर दिया!
- इंकम जीरो हो गई, बिजनेस ठप पड़ गया।
- करोड़ों का नुकसान हुआ, स्टाफ को सैलरी देने के लिए कर्ज़ लेना पड़ा।
- पर्सनल लाइफ में भी धोखा मिला, करीबी लोग साथ छोड़ गए।
ऐसे हालात में कई लोग हार मान लेते, लेकिन Joydeep ने तय किया कि अब जिंदगी को नए सिरे से शुरू करना है।
फिर से उठे, नई स्किल्स सीखीं और खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस!
Joydeep ने डिजिटल ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स में महारत हासिल की। नई स्किल्स सीखी, खुद को अपग्रेड किया और अपने बिजनेस को दोबारा खड़ा किया।
आज उनकी कंपनी करोड़ों का टर्नओवर कर रही है। वह डिजिटल मार्केटिंग, ब्रांड मैनेजमेंट, ई-कॉमर्स मार्केटिंग, और इन्फ्लुएंसर मैनेजमेंट जैसी सेवाएं दे रहे हैं।
अब खुद नौकरी देने वाले बन गए!
जो कभी खुद नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे थे, वो अब दूसरों को नौकरी दे रहे हैं। Joydeep अब युवाओं को डिजिटल स्किल्स सिखा रहे हैं, स्टूडेंट्स और बेरोजगार लोगों को फ्रीलांसिंग और ऑनलाइन कमाई के तरीके सिखा रहे हैं।
सीख क्या मिलती है?
- डिग्री जरूरी है, लेकिन स्किल्स उससे ज्यादा जरूरी हैं।
- 50 बार रिजेक्ट होने के बाद भी अगर हिम्मत नहीं हारते, तो सक्सेस ज़रूर मिलेगी।
- अगर नौकरी ना मिले तो खुद नौकरी देने वाले बनो!
आज Joydeep Dutta की कहानी उन हर युवा के लिए एक सबक है, जो सिर्फ डिग्री के सहारे अच्छी नौकरी की उम्मीद करते हैं। अगर मेहनत और स्किल्स हों, तो कोई भी अपनी किस्मत खुद बना सकता है!
तो अगली बार जब कोई कहे “पकौड़े तलो”, तो सोचिए – क्या आप सिर्फ नौकरी ढूंढना चाहते हैं या खुद कुछ बड़ा बनाना चाहते हैं?