राजस्थान के झुंझुनू ज़िले से एक ऐसी कहानी सामने आई है जो हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। यहां के एक छोटे से गांव से निकलकर जितेंद्र ढाका ने अपने सपनों को न सिर्फ़ पंख दिए बल्कि उन्हें करोड़ों की उड़ान भी दी। जितेंद्र के स्टार्टअप ‘बैंक साथी’ ने हाल ही में 4 मिलियन डॉलर (करीब 33 करोड़ रुपये) की फंडिंग हासिल कर सुर्खियां बटोरी हैं।
गांव से निकला, दुनिया जीतने का हौसला
जितेंद्र का जन्म झुंझुनू के एक साधारण परिवार में हुआ। शुरुआती शिक्षा गांव में ही पूरी करने के बाद उन्होंने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही उन्हें डिजिटल मार्केटिंग का शौक लगा और उन्होंने ठान लिया कि कुछ बड़ा करना है।
‘बैंक साथी’ से बदली ज़िंदगी
नौकरी के शुरुआती दिनों में आई आर्थिक तंगी ने जितेंद्र को हिलाकर रख दिया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 2017 में ‘बैंक साथी’ की नींव रखी। ये एक ऐसा सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो लोगों को सही वित्तीय उत्पाद चुनने में मदद करता है। खास बात ये है कि ये छोटे शहरों और गांवों तक अपनी पहुंच बना रहा है, जहां लोगों को अक्सर सही वित्तीय सलाह नहीं मिल पाती।
करोड़ों का निवेश, लाखों लोगों की मदद
जितेंद्र की मेहनत और लगन रंग लाई और ‘बैंक साथी’ ने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। हाल ही में कंपनी को कोटक सिक्योरिटीज़, लेट्स वेंचर समेत कई बड़े निवेशकों से 33 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है। इस फंडिंग से कंपनी अपनी तकनीक को और बेहतर बनाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचाएगी।
जितेंद्र का संदेश: हार मत मानो, सपने देखो और उन्हें पूरा करो
जितेंद्र की कहानी उन सभी युवाओं के लिए मिसाल है जो अपने सपनों को पूरा करने की ठान लेते हैं। वे कहते हैं, “अगर आप में कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती। बस अपने लक्ष्य पर नज़र रखिए और कड़ी मेहनत करते रहिए।”
‘बैंक साथी’ का भविष्य
जितेंद्र का मानना है कि ‘बैंक साथी’ आने वाले समय में देश के वित्तीय क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगा। उनका लक्ष्य है कि हर भारतीय को सही वित्तीय सलाह और उत्पाद आसानी से उपलब्ध हों।
झुंझुनू को जितेंद्र पर नाज़
जितेंद्र की इस कामयाबी से उनके गांव और पूरे झुंझुनू ज़िले में खुशी की लहर है। लोग उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने की सलाह देते हैं।