सालासर, राजस्थान – सालासर बालाजी के दरबार में आज एक ऐसी घटना घटी जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। एक भक्त, श्री दिलकुश ओझा जी ने अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा बालाजी मंदिर को समर्पित करने का अनोखा संकल्प लिया है। इस नेक कार्य की जानकारी खुद सालासर मंदिर के पुजारी नितिन पुजारी जी ने मीडिया को दी।
बिजनेस अग्रीमेंट और स्टाम्प पेपर सौंपा नितिन पुजारी को
भीलवाड़ा निवासी दिलखुश ओझा जी, जो पेशे से एक वकील हैं, ने ₹50 के गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर एक शपथ पत्र तैयार करवाया है। इस शपथ पत्र में उन्होंने प्रतिज्ञा की है कि उन्हें भविष्य में किसी भी स्रोत से होने वाली आय का 5% हिस्सा वे सालासर बालाजी को समर्पित करेंगे। यह दान किसी भी प्रकार की आय पर लागू होगा, चाहे वह जिला परिवहन कार्यालय, कोर्ट या किसी अन्य माध्यम से प्राप्त हो।
नियमित दान और समर्पण करते आ रहे हैं
इसके अलावा, श्री ओझा जी ने हर महीने अपनी आय का 2% हिस्सा भी बालाजी मंदिर या सरकारी सेवाओं को दान करने का संकल्प लिया है। यह उनकी धार्मिक आस्था और समाज के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
सालासर मन्दिर के नितिन पुजारी ने की तारीफ़
इस नेक कार्य की जानकारी देते हुए पुजारी नितिन पुजारी ने श्री ओझा जी की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि ओझा जी पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से बालाजी के दर्शन के लिए आते हैं और उनकी बालाजी के प्रति अगाध श्रद्धा है। पुजारी जी ने कहा कि इस तरह की नेकनीयती आजकल कम ही देखने को मिलती है।
अधिवक्ता द्वारा भक्ति और समर्पण की मिसाल
श्री ओझा जी के इस कदम को सालासर बालाजी में भक्ति और समर्पण की एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सच्ची भक्ति और निस्वार्थ सेवा ही ईश्वर की सच्ची आराधना है।