Taj Series Review: जी की नई वेब सीरीज ताज डिवाइडेड बाय ब्लड मैं मुगलों की अश्लीलता और शानो शौकत खुलकर दिखाई गई है अकबर की गणेश कन्हैया कनी जिसे 14 साल की उम्र से ही अकबर शोषण करता रहा था और उससे हुए लड़के को अपना बेटा मानता था जब वही अनारकली कभी अकबर के बेटे सलीम को दिखाई दी जाती है तो वह उसे अपना दिल ते बैठता है और यहीं से सलीम की मोहब्बत और मुगलिया सल्तनत के बीच एक संघर्ष होता है जिसमें अनारकली अपने ही बेटे के हाथों बेरहमी के साथ मार दी जाती है
सीरीज की शुरुआत होती है अकबर की तीनों बेटों के आपसी मनमुटाव और उस वजह से परेशान होते हैं बूढ़े अकबर की चिंताओं के साथ सलीम जोकि अय्याश प्रवृत्ति का इंसान है और हमेशा वेश्याओं और शराब में डूबा रहता है दूसरा बेटा मुराद जो कि इतना ज्यादा गुस्सेल और बद दिमाग है कि अपने ही छोटे भाई दानियाल की जान ले ले दानियाल जो कि कमजोर और इस्लाम के प्रति कट्टर है और अनारकली का बेटा है खुद ही अपनी मां की जान ले लेता है
महिलाओं को भोग की वस्तु मानने वाले मुगलों की इस सीरीज में सिर्फ हवस को पूरी करने का साधन माना गया है, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती बने धर्मेंद्र को काफी समय बाद देखकर फैन को बहुत खुशी हुई उनका रोल ज्यादा होता तो और भी अच्छा होता है अकबर के रोल में बिल्कुल भी नहीं जचें नसरुद्दीन शाह एक बेबस और लाचार बादशाह नजर आते हैं जो खुद की गलतियों को छुपाते अपने परिवार को इकट्ठा करने की कोशिश करते रहते हैं
कुल मिलाकर जी की यह सीरीज मुगलों के दौर की अंदरूनी कमियां अश्लीलता और शानो शौकत को बखूबी दिखाती है
साथ ही एक ही औरत को पाने के लिए बाप और बेटे के बीच के संघर्ष को दिखाती है
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