मुंबई: दुबई चैम्बर्स ने आज मुंबई में दुबई-भारत व्यापार मंच का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम दुबई के क्राउन प्रिंस, उप प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और दुबई की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष महामहिम शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की भारत यात्रा के अवसर पर आयोजित किया गया था।
इस मंच का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बाजारों के बीच मौजूद रणनीतिक आर्थिक अवसरों को और अधिक विस्तार देना था। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों और निवेशकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस प्रतिष्ठित सभा में दुबई के 30 प्रमुख व्यापारिक नेताओं का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था, जिन्होंने भारतीय व्यापार जगत के दिग्गजों के साथ गहन विचार-विमर्श किया।
यह आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और भारत के बीच 18 फरवरी 2022 को हस्ताक्षरित ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) की तीसरी वर्षगांठ के ठीक बाद हुआ है। यह सीईपीए कार्यक्रम के तहत यूएई का पहला द्विपक्षीय समझौता है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों की गति को दर्शाता है।
इस मंच के दौरान, प्रतिभागियों ने दुबई और भारत के व्यापारिक समुदायों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के विभिन्न रास्तों पर विस्तृत चर्चा की। इसके साथ ही, नए संयुक्त उद्यमों और रणनीतिक साझेदारियों को शुरू करने के संभावित अवसरों की पहचान करने के लिए भी गहन मंथन किया गया। विचार-विमर्श मुख्य रूप से दोनों बाजारों के प्रतिस्पर्धात्मक लाभों और आर्थिक संभावनाओं पर केंद्रित रहा। इस बात पर भी जोर दिया गया कि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए इन शक्तियों का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे किया जा सकता है।

अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, दुबई चैम्बर्स के उपाध्यक्ष, महामहिम अहमद बिन बायत ने दुबई और भारत के बीच मौजूद असाधारण संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “दुबई और भारत आपसी विश्वास और आर्थिक एकीकरण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता पर निर्मित एक असाधारण संबंध साझा करते हैं। भारत दुबई के लिए एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।”
दुबई चैम्बर्स के अध्यक्ष और सीईओ, महामहिम मोहम्मद अली राशिद लूटा ने भारतीय कंपनियों के लिए दुबई के आकर्षण को रेखांकित करते हुए कहा, “दुबई अपने अद्वितीय प्रतिस्पर्धात्मक लाभों के कारण भारतीय कंपनियों के लिए एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में एक रणनीतिक स्थिति रखता है।” उन्होंने यह भी बताया कि मार्च 2025 के अंत तक दुबई चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों के रूप में पंजीकृत 72,651 सक्रिय भारतीय कंपनियां दुबई के व्यापार परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण और अभिन्न हिस्सा हैं।
महामहिम लूटा ने मुंबई में दुबई-भारत व्यापार मंच के आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “मुंबई में दुबई-भारत व्यापार मंच का आयोजन दोनों बाजारों में व्यापारिक समुदायों के बीच सहयोग को और मजबूत करने तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में नए अवसरों की पहचान करने की हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह महत्वपूर्ण आयोजन आर्थिक संबंधों को और गहरा करने, संभावित संयुक्त निवेश के अवसरों का पता लगाने और दीर्घकालिक वाणिज्यिक साझेदारियों तथा आपसी विकास लक्ष्यों का समर्थन करने वाले नवीन विचारों पर गहन विचार-विमर्श करने के लिए एक अद्वितीय मंच प्रदान करता है।”
इस मंच के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। इस सत्र में महामहिम मोहम्मद अली राशिद लूटा के साथ भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के उपाध्यक्ष आर मुकुंदन, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI)-अरब काउंसिल के अध्यक्ष अदीब अहमद और IMC चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान प्रबंध समिति के सदस्य अनंत सिंघानिया शामिल थे। पैनलिस्टों ने वैश्विक आर्थिक बदलावों के वर्तमान परिदृश्य के बीच व्यापार, निवेश और अंतर्राष्ट्रीय विस्तार के क्षेत्र में दुबई-भारत संबंधों के भविष्य पर व्यापक चर्चा की।
इस सत्र में अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए एक रणनीतिक लॉन्चपैड के रूप में दुबई की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला गया। पैनलिस्टों ने इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की कि व्यवसाय एक प्रमुख व्यापार और निवेश केंद्र के रूप में दुबई की मजबूत स्थिति से किस प्रकार लाभान्वित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने तथा दुबई और भारत दोनों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के प्रभावी तरीकों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।
कुल मिलाकर, दुबई-भारत व्यापार मंच का मुंबई में सफल आयोजन दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मंच ने व्यापार और निवेश के नए अवसरों की पहचान करने और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार तैयार किया है।