नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी निर्णायक नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए ऐसा कदम उठाया है, जिसने न केवल पाकिस्तान को अंदर तक हिलाकर रख दिया है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल पैदा कर दी है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जैसा कि भारतीय मीडिया में इसे नाम दिया जा रहा है, एक साहसिक सैन्य कार्रवाई है जिसने नियंत्रण रेखा (LoC) के पार पाकिस्तान के भीतर कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। इस अप्रत्याशित और तीव्र कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है, जहां सरकार और सेना दोनों ही सकते में हैं और जवाबी कार्रवाई की धमकियां दे रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर: पर्दे के पीछे की कहानी
हालांकि सरकार की ओर से इस ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ खुफिया एजेंसियों द्वारा जुटाई गई पुख्ता जानकारी का परिणाम है। बताया जा रहा है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को सीमा पार सक्रिय आतंकी समूहों द्वारा भारत में बड़े पैमाने पर हमलों की साजिश रचने के ठोस सबूत मिले थे। इन खुफिया इनपुट के आधार पर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ गहन मंथन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस निर्णायक सैन्य कार्रवाई को हरी झंडी दिखाई।
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन की योजना इस तरह से बनाई गई थी कि दुश्मन को संभलने का मौका न मिले। रात के अंधेरे में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों और विशेष बलों ने एक साथ कई ठिकानों पर अचूक निशाना साधा। इन ठिकानों में आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर, लॉजिस्टिक हब और उनके कमांड एंड कंट्रोल सेंटर शामिल बताए जा रहे हैं। इस ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए हथियारों और तकनीकों को लेकर भी गोपनीयता बरती जा रही है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें आधुनिकतम सर्विलांस और प्रहारक क्षमताओं का इस्तेमाल किया गया।
पाकिस्तान में मची खलबली, युद्ध की धमकी
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की खबर जैसे ही पाकिस्तान पहुंची, वहां भूचाल आ गया। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने आनन-फानन में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई और इस भारतीय कार्रवाई को “अकारण आक्रमण” और “अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन” करार दिया। उन्होंने भारत को “गंभीर परिणाम” भुगतने की चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने भी एक बयान जारी कर भारतीय कार्रवाई की कड़ी निंदा की और जवाबी कार्रवाई का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय विमानों को मार गिराया है, हालांकि भारत ने इस दावे का खंडन किया है। सीमा पर पहले से ही तनावपूर्ण माहौल और गहरा गया है, और दोनों तरफ से सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: चिंता और संयम की अपील
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया भी सतर्क और चिंताजनक रही है। संयुक्त राष्ट्र (UN) और कई प्रमुख देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से विवादों को हल करने की अपील की है। हालांकि, कई देश भारत के इस तर्क को भी समझ रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई को गलत नहीं ठहराया जा सकता।
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत इस ऑपरेशन को किस तरह से प्रस्तुत करता है और पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई किस हद तक जाती है। अगर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया अत्यधिक आक्रामक होती है, तो अंतर्राष्ट्रीय दबाव भारत के बजाय उस पर बढ़ सकता है।
अब आगे क्या? संभावित परिदृश्य
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं कि आगे क्या होगा। यहां कुछ संभावित परिदृश्य दिए गए हैं:
- सीमित जवाबी कार्रवाई: पाकिस्तान सीमा पर कुछ सीमित सैन्य कार्रवाई कर सकता है या फिर छद्म युद्ध की अपनी पुरानी रणनीति को तेज कर सकता है।
- बड़ी सैन्य प्रतिक्रिया: पाकिस्तान भारत के भीतर बड़े पैमाने पर जवाबी सैन्य कार्रवाई कर सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच पूर्णकालिक युद्ध छिड़ने का खतरा बढ़ जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान की आर्थिक और सैन्य स्थिति को देखते हुए यह संभावना कम लगती है।
- अंतर्राष्ट्रीय दबाव में कमी: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बढ़ते दबाव के कारण पाकिस्तान अपनी प्रतिक्रिया को सीमित कर सकता है और बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर हो सकता है।
- स्थिरता और बातचीत: दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय दबाव और अपने-अपने आंतरिक हालातों को देखते हुए तनाव को कम करने और बातचीत के रास्ते तलाशने पर सहमत हो सकते हैं।
मोदी का मास्टरस्ट्रोक या खतरनाक जुआ?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी का एक साहसिक कदम है। इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति के एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इस कार्रवाई से घरेलू स्तर पर मोदी सरकार की लोकप्रियता में इजाफा हो सकता है। हालांकि, इस ऑपरेशन के गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं, खासकर अगर पाकिस्तान ने अप्रत्याशित रूप से कड़ी प्रतिक्रिया दी तो।
कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक “मास्टरस्ट्रोक” है जिसने पाकिस्तान को चौंका दिया है और उसे अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। वहीं, कुछ अन्य इसे एक “खतरनाक जुआ” मान रहे हैं, जिसके कारण क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ सकती है।
फिलहाल, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पाकिस्तान आगे क्या कदम उठाता है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ते तनाव को कम करने में क्या भूमिका निभाता है। एक बात तय है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को एक नए और अनिश्चित मोड़ पर ला खड़ा किया है। अब देखना यह है कि इस तनावपूर्ण स्थिति का अंत किस तरह से होता है।