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Dr Ashok Sinha News : इस साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के शेयरों में जिस तरह भूचाल ला दिया था, कुछ उसी तरह का असर अब हेयर केयर इंडस्ट्री पर डॉ. अशोक सिन्हा के खुलासों से देखने को मिल रहा है। डॉ. सिन्हा, जो कि एक जाने-माने ट्राइकोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन हैं, ने हाल ही में एक वीडियो के ज़रिए तथाकथित ‘आदिवासी हेयर ऑयल’ के पीछे के कथित घोटाले का पर्दाफाश किया है। उनकी इस रिसर्च रिपोर्ट ने इस इंडस्ट्री की नींव हिला दी है।

क्या है इस रिपोर्ट में?

डॉ. सिन्हा ने अपनी रिपोर्ट में आदिवासी हेयर ऑयल के निर्माण, मार्केटिंग और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट से जुड़े कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, ये तेल अक्सर एफडीए मानकों का उल्लंघन करते हुए एल्युमिनियम के बर्तनों में बनाए जाते हैं, जो बालों और स्कैल्प के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा, इन तेलों में मिलावट और झूठे दावों का भी आरोप लगाया गया है। डॉ. सिन्हा ने यहां तक कहा कि कई सेलिब्रिटीज़, जो खुद इन तेलों का इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें प्रमोट कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च से तुलना क्यों?

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट का कारण बना था। उसी तरह, डॉ. सिन्हा की रिपोर्ट ने भी आदिवासी हेयर ऑयल इंडस्ट्री की नींव हिला दी है। इस रिपोर्ट के बाद से कई लोगों ने इन तेलों का इस्तेमाल बंद कर दिया है और सोशल मीडिया पर कंपनियों और सेलिब्रिटीज के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है।

क्या होगा आगे?

डॉ. सिन्हा की रिपोर्ट के बाद सरकार और संबंधित एजेंसियों पर इस मामले में कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। क्या अब आदिवासी हेयर ऑयल के नाम पर चल रहे इस गोरखधंधे पर लगाम कसी जाएगी? क्या सेलिब्रिटीज अपनी सफाई देंगे या फिर चुप्पी साधे रहेंगे? क्या उपभोक्ताओं को उनका पैसा वापस मिलेगा? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आने वाले समय में ही मिलेंगे। लेकिन एक बात तो तय है, डॉ. सिन्हा की रिपोर्ट ने हेयर केयर इंडस्ट्री में एक बड़ा भूचाल ला दिया है और अब ‘आदिवासी हेयर ऑयल’ का पोस्टमार्टम होना तय है।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor