प्रयागराज – महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की आस्था पर गहरी चोट करने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। एक पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो भंडारे के प्रसाद में राख मिलाता हुआ दिख रहा है। जैसे ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर फैला, लोगों में जबरदस्त गुस्सा उभर आया। सवाल उठ रहा है – ऐसे पुलिसकर्मी को सिर्फ सस्पेंड करके बचाया क्यों जा रहा है? उसे तुरंत बर्खास्त क्यों नहीं किया गया?
श्रद्धालुओं के साथ धोखा, आस्था पर हमला!
महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, संगम में स्नान करते हैं और भंडारों में प्रसाद ग्रहण करते हैं। ऐसे में एक पुलिसकर्मी द्वारा प्रसाद में राख मिलाना सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि आस्था पर सीधा हमला है।
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और सोरांव थाना प्रभारी बृजेश कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया गया। लेकिन जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि सिर्फ सस्पेंशन काफी नहीं, ऐसे पुलिसकर्मी को तुरंत नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए!
जनता का फूटा गुस्सा – “इसे नौकरी से निकालो!”
सोशल मीडिया पर लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इस शर्मनाक हरकत के लिए पुलिसकर्मी को बर्खास्त किया जाए। कुछ लोगों ने लिखा:
- “आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले को सिर्फ सस्पेंड करके बचाया क्यों जा रहा है? इसे नौकरी से निकालो!”
- “अगर किसी आम आदमी ने ऐसा किया होता तो अब तक जेल में डाल दिया जाता! पुलिस वाले पर इतनी नरमी क्यों?”
- “भक्तों के भोजन को अपवित्र करने वाले को सिर्फ निलंबित करना एक मजाक है, इसे टर्मिनेट किया जाना चाहिए!”
अखिलेश यादव भी कूदे मैदान में
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा –
“महाकुंभ में जो लोग श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं, उनके सद्प्रयासों को बर्बाद करने के लिए इस तरह की हरकतें शर्मनाक हैं। प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए!”
सिर्फ सस्पेंशन नहीं, अब टर्मिनेशन की बारी!
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन जनता की मांग सुनेगा? सिर्फ निलंबन से जनता संतुष्ट नहीं है, लोग चाहते हैं कि ऐसे अपराधी को यूपी पुलिस से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।
क्या सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर जनता का गुस्सा और बढ़ेगा? आस्था से खिलवाड़ करने वालों के लिए क्या कड़ी सजा मिलेगी? अब सबकी नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं!