Rajasthan Politics News : राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विवादित लाल डायरी के कुछ अंशों को बुधवार को मीडिया के सामने प्रकाशित किया है। इस डायरी में सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए चुनाव) से जुड़े कुछ अहम विवादित घटनाओं का जिक्र है।
राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया है कि इस लाल डायरी के पन्नों का विवरण राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और सीएम गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ ने किया है। यह खुलासा उठते सवालों को और राजस्थान राजनीति में बवाल मचाने के काम आएगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस विवादित लाल डायरी में राजेंद्र गुढ़ा के द्वारा जिक्र किए गए अंशों में राजस्थान क्रिकेट संघ के सचिव और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से संबंधित घटनाएं उजागर हो सकती हैं।
इस विवाद में राजस्थान के राजनीतिक माहौल में बवाल है। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर लगातार इस मुद्दे को लेकर हमला बोला है और राजनीतिक दलों में इसके जिक्र को लेकर गर्माहट दिखाई दी है।
यह विवादित लाल डायरी के जारी होने से पहले ही राजस्थान में उत्पन्न राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा था, और इसके बाद भी राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ इस्तीफे की मांगें भी उठी हैं।
सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का नाम इस विवाद के बीच में आने से राजस्थान की सियासी मंच पर खटपटाहट हुई है। राजस्थान के राजनीतिक परिदृश्य में इस मामले की जांच के लिए न्यायिक तंत्र को भी संबोधित किया गया है।
जिस तरह से यह विवादित लाल डायरी के खुलासे राजस्थान की सियासी दलों में रंग भरने के लिए बन गए हैं, वैसे ही इस मामले की जांच और सच्चाई का पता लगाने के लिए और वक्त की जरूरत है। यह मामला अब आगे कैसे बढ़ता है, इसका ध्यान राजस्थान की जनता की दृष्टि में भी रहेगा
गुढ़ा ने आरोप लगाया, ‘मैं तथ्यों के आधार पर बोल रहा हूं कि आरसीए चुनाव में वोट खरीदे गए। ‘
कथित डायरी के एक पन्ने में यह आरोप लगाया गया है कि ”भवानी सामोता लोगों का पैसा नहीं दे रहे हैं” और उन्होंने ”ज्यादातर लोगों से किया हुआ वादा पूरा नहीं किया।”
गुढ़ा ने कहा कि डायरी की लिखावट का मिलान अशोक गहलोत के करीबी राठौड़ की लिखावट से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डायरी के कुछ पन्ने गायब हैं, लेकिन जो पन्ने उनके पास हैं, उन्हें वह जारी करेंगे।
राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे पर विधानसभा में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गये गुढ़ा लगातार गहलोत पर निशाना साध रहे हैं।
इस ‘लाल डायरी’ के होने का दावा किये जाने के बाद, भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी राजस्थान यात्रा के दौरान इसका जिक्र किया था। विधानसभा में 24 जुलाई को सदन में गुढ़ा द्वारा लाल डायरी का मुद्दा उठाने की कोशिश के बाद सदन में ‘असहज दृश्य’ सामने आये थे और उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने डायरी की सामग्री की जांच के लिए पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई, गुढ़ा ने कहा, ‘मैं डायरी को सदन में रखना चाहता था और ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग से जांच कराने की मांग कर रहा था, लेकिन बोलने की अनुमति नहीं दी गई।’
गुढ़ा के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी ने कहा, ‘लाल डायरी के पन्नों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के ‘राजकुमार’ वैभव गहलोत जी के काले कारनामों को उजागर कर दिया है। अब पूरी डायरी की सच्चाई का इंतजार है? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, जनता आपसे सच्चाई जानना चाहती है ।लाल डायरी कोई कपोल कल्पित नहीं है।”
जब गुढ़ा से इस आरोप के बारे में पूछा गया कि वह सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ”मैं सरकार को ब्लैकमेल नहीं कर रहा हूं बल्कि यह सरकार है जो मुझे ब्लैकमेल कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘मुझ पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा द्वारा मुझे माफी मांगने को कहा जा रहा है। मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है।’
उन्होंने आश्चर्य जताया कि कि उन्होंने ऐसी कौन सी गलती की है जिसके लिए उनसे माफी मांगने को कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जो सदस्य सदन में मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठा रहे हैं, उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उनकी (गहलोत की) जेब में हैं। अगर मुझे जेल हुई तो यह इस सरकार का अंत होगा।’
उन्होंने कहा कि वह अपनी रणनीति के तहत ‘एक-एक कर’ डायरी के पन्ने जारी कर रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा उनके खिलाफ एक के बाद एक मामले दर्ज किए गए हैं।
उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक गुढ़ा 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। वह बाद में कांग्रेस में चले गए। उन्होंने ने कहा कि अगर उन्हें जेल हुई तो डायरी का विवरण उनके वफादारों द्वारा सार्वजनिक किया जाएगा।
मंत्रिमंडल से हटाये जाने से पहले गुढ़ा सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे।