अरुणाचल प्रदेश
: नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने 2620 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौता ज्ञापन पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.इन परियोजनाओं में शामिल हैं:
- 1200 मेगावाट की लोहित परियोजना
- 1420 मेगावाट की सुबनसिरी परियोजना
इन परियोजनाओं का विकास 2030 तक भारत में 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के घोषित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगा. वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के उद्देश्य में हाइड्रो पावर भी एक प्रभावी योगदानकर्ता होगा.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर पैदा होने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ क्षेत्र में कौशल विकास और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है.
इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा सचिव, पंकज अग्रवाल, एनटीपीसी के अध्यक्ष – सह – प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह और एसजेवीएन, टीएचडीसी के सीएमडी और बिजली मंत्रालय, भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
नीपको के बारे में
नीपको भारत सरकार की एक पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है जो जलविद्युत, थर्मल और परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और संचालन में लगी हुई है. कंपनी की स्थापना 1967 में हुई थी और इसकी मुख्यालय नई दिल्ली में है. नीपको भारत में सबसे बड़ी जलविद्युत उत्पादक कंपनी है और इसकी कुल क्षमता 5,000 मेगावाट से अधिक है.
अरुणाचल प्रदेश सरकार के बारे में
अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर-पूर्वी राज्य है. यह राज्य 90,000 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी जनसंख्या 1.3 मिलियन से अधिक है. अरुणाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और यहां कई नदियां बहती हैं. राज्य सरकार जलविद्युत को राज्य के विकास का एक प्रमुख चालक मानती है और इसने राज्य में कई जलविद्युत परियोजनाओं की घोषणा की है.
यह समझौता ज्ञापन भारत के जलविद्युत क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह समझौता ज्ञापन भारत को अपने ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करेगा.