भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाई (आर्मी एयर डिफेंस) ने पाकिस्तान के 45 ड्रोन्स को मार गिराया है। इन ड्रोन्स ने लेह सहित भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इस कार्रवाई ने भारत की सैन्य ताकत और रक्षा प्रणाली की मजबूती को एक बार फिर साबित किया है। हालांकि, इस खबर की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और इसे सावधानी के साथ देखा जा रहा है।
क्या है पूरा घटनाक्रम?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 9 मई 2025 की सुबह से खबरें वायरल हो रही हैं कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और लेह में, ड्रोन हमलों की कोशिश की। इन ड्रोन्स को कथित तौर पर लद्दाख के लेह में सैन्य ढांचे को निशाना बनाने के लिए भेजा गया था। सूत्रों का दावा है कि भारतीय सेना की आर्मी एयर डिफेंस ने इन सभी 45 ड्रोन्स को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान की यह कोशिश पूरी तरह नाकाम रही।
यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में बढ़ते तनाव का हिस्सा मानी जा रही है। हाल ही में, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों का सहारा लिया। 8 मई 2025 को, पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट, और उधमपुर सहित भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की थी, जिन्हें भारत की एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड और वायु रक्षा प्रणालियों ने नाकाम कर दिया था।
लेह पर हमले की कोशिश: सामरिक महत्व
लेह, जो लद्दाख का एक महत्वपूर्ण सामरिक क्षेत्र है, भारत की सैन्य और भू-राजनीतिक रणनीति में अहम भूमिका निभाता है। यह क्षेत्र न केवल भारत-चीन सीमा के पास है, बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का भी केंद्र रहा है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के ड्रोन्स ने लेह में सैन्य ढांचे को निशाना बनाने की कोशिश की, जो भारत की सैन्य तैयारियों और क्षेत्रीय नियंत्रण को कमजोर करने का प्रयास हो सकता है।
हालांकि, भारतीय सेना की सतर्कता और उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों, जैसे कि S-400 सुर्दशन चक्र, ने इस हमले को पूरी तरह विफल कर दिया। S-400 प्रणाली, जो 400 किलोमीटर की रेंज में दर्जनों लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक और नष्ट कर सकती है, ने हाल के दिनों में भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत किया है।
पाकिस्तान के ड्रोन हमले और भारत का जवाब
पाकिस्तान के ड्रोन हमले 7-8 मई की रात को शुरू हुए, जब उसने भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में कई सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। इन ठिकानों में अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई, और भुज शामिल थे। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि इन सभी हमलों को भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने निष्प्रभावी कर दिया।
जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने 8 मई की सुबह पाकिस्तान के वायु रक्षा रडार और प्रणालियों पर लक्षित हमले किए, जिसमें लाहौर में एक महत्वपूर्ण वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया गया। भारत ने इन हमलों को “पाकिस्तान के समान डोमेन और समान तीव्रता” के साथ जवाब देने की नीति के तहत अंजाम दिया।
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने 8 मई को भारत के 25 ड्रोन्स को मार गिराया, जिनमें से कुछ ने कराची और लाहौर जैसे प्रमुख शहरों को निशाना बनाया था। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।
आर्मी एयर डिफेंस की भूमिका
भारतीय सेना की आर्मी एयर डिफेंस ने इस घटनाक्रम में अपनी असाधारण क्षमता का प्रदर्शन किया। सूत्रों के मुताबिक, अकेले इस इकाई ने 45 ड्रोन्स को मार गिराया, जो पाकिस्तान की ओर से भेजे गए थे। यह भारतीय सेना की उन्नत तकनीक और प्रशिक्षण का प्रमाण है। भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों में एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड और S-400 जैसे सिस्टम शामिल हैं, जो ड्रोन्स और मिसाइलों को तुरंत ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम हैं।
पाकिस्तान में सेना प्रमुख की स्थिति और तनाव
इस बीच, पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर को कथित तौर पर हटाए जाने और उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को नया सेना प्रमुख नियुक्त किए जाने की खबरें भी सामने आई हैं। कुछ सूत्रों ने दावा किया है कि जनरल मुनीर को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, इन दावों की भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और यह पाकिस्तान के भीतर सैन्य और राजनीतिक अस्थिरता का संकेत हो सकता है। इस तरह की स्थिति भारत के खिलाफ पाकिस्तान की आक्रामक कार्रवाइयों को और जटिल बना सकती है।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
भारत और पाकिस्तान के बीच यह ताजा टकराव दक्षिण एशिया में एक खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है। दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं, और हाल के ड्रोन और मिसाइल हमलों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। भारत ने अपनी कार्रवाइयों को “सीमित, लक्षित, और गैर-वृद्धिकारी” बताया है, जबकि पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विश्लेषकों का कहना है कि यह टकराव कश्मीर जैसे विवादित क्षेत्रों में और तनाव बढ़ा सकता है। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसका लक्ष्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना है, न कि सैन्य उभार पैदा करना।
पाकिस्तान के 45 ड्रोन्स को मार गिराने की खबर भारतीय सेना की ताकत और सतर्कता का प्रतीक है। लेह जैसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में हमले की कोशिश को नाकाम करना भारत की रक्षा प्रणालियों की प्रभावशीलता को दर्शाता है। हालांकि, यह खबर अभी सूत्रों पर आधारित है, और आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है। दोनों देशों को संयम बरतने और बातचीत के रास्ते तलाशने की जरूरत है। फिलहाल, भारतीय सेना की इस सफलता ने देशवासियों का मनोबल बढ़ाया है, और यह साफ है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
नोट: यह लेख सोशल मीडिया पोस्ट्स और सूत्रों पर आधारित है। आधिकारिक बयान के अभाव में, इस खबर को सावधानी से लिया जाए।