पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर और मोरारी बापू भी रहेंगे उपस्थित
नई दिल्ली, 26 फरवरी 2025 – दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आगामी 2 मार्च 2025 को गुरुग्राम, हरियाणा में स्थापित विश्व शांति केंद्र के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी। यह केंद्र अहिंसा विश्व भारती संगठन द्वारा स्थापित किया गया है और आचार्य लोकेश मुनि के मार्गदर्शन में संचालित होगा।
इस आयोजन को लेकर अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से भेंट की और उन्हें उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि “आध्यात्मिकता का मानव कल्याण और समाज सुधार में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है, और यह केंद्र इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।”
भव्य समारोह में अनेक गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक आयोजन में कई प्रमुख आध्यात्मिक और राजनीतिक हस्तियां शामिल होंगी:
- पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
- योग गुरु बाबा रामदेव
- आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर
- प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू
विश्व शांति केंद्र: आध्यात्म और नैतिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र
आचार्य लोकेश मुनि ने बताया कि यह सात मंजिला विश्व शांति केंद्र भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक मूल्यों, योग, ध्यान और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यह केंद्र सम्यक ज्ञान, दर्शन, चरित्र और तप के चार स्तंभों पर आधारित है और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश को पूरे विश्व में प्रसारित करेगा।
हरियाणा की धरती से विश्व शांति का संदेश
आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि “गुरुग्राम में स्थापित यह केंद्र न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में शांति और सद्भाव का संदेश प्रसारित करेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि यह केंद्र संयुक्त राष्ट्र (UN) और विश्व धर्म संसद जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों के साथ मिलकर कार्य करेगा।
📍 कार्यक्रम विवरण
📅 तारीख: 2 मार्च 2025
⏰ समय: सुबह 10 बजे
📍 स्थान: सेक्टर 39, गुरुग्राम (मेदांता अस्पताल के सामने)
इस अवसर पर आचार्य लोकेश मुनि ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को ‘आचार्य लोकेश: एम्बेसडर ऑफ पीस’ पुस्तक भेंट की।
विश्व शांति केंद्र: भारत के आध्यात्मिक नेतृत्व को करेगा मजबूत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह केंद्र भारत को वैश्विक आध्यात्मिक नेतृत्व की ओर अग्रसर करेगा और विश्व शांति, अहिंसा और मानवता के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।