बिहार के सासाराम में जन्मे और नजीबाबाद के गलियों में पले-बढ़े कसीम हैदर (Sayyed Qaseem Haider Moosve) ने अपने मेहनत और लगन से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। फिल्मी दुनिया में कदम रखना किसी भी छोटे शहर के लड़के के लिए आसान नहीं होता, लेकिन कसीम ने अपने हौसले और संघर्ष से ये मुकाम हासिल किया।
शुरुआती सफर: सासाराम से नजीबाबाद तक*
कसीम की शुरुआती पढ़ाई सासाराम, रोहतास में हुई, लेकिन आठवीं के बाद वो अपनी मां के घर नजीबाबाद, बिजनौर आ गए। यहीं से उनकी ज़िंदगी में नए मोड़ आए। धार्मिक कार्यक्रमों में निज़ामत (एंकरिंग) करते-करते उन्हें मंच से प्यार हो गया, लेकिन एक दिन जब एक मशहूर शायर ने कहा – “कुछ अपना भी सुनाओ”, तब कसीम के पास शब्द नहीं थे। उस शर्मिंदगी ने उन्हें लेखक बनने के लिए प्रेरित कर दिया और उन्होंने ठान लिया कि अगली बार मंच पर केवल खुद का लिखा सुनाएंगे।
मुंबई का सफर: संघर्ष और उम्मीदों की जंग
नजीबाबाद से मुंबई पहुंचे कसीम का सपना था लेखक और अभिनेता बनना। लेकिन मायानगरी में पहचान बनाना आसान नहीं था। जब भी ऑडिशन देने जाते, लोग या तो पैसे मांगते या फिर उनकी पर्सनैलिटी पर टिप्पणी करते। धीरे-धीरे उन्होंने ऑडिशन देना ही छोड़ दिया और लेखन पर ध्यान केंद्रित किया। “रिजेक्शन ने मुझे मजबूत बना दिया! मैंने घोस्ट राइटिंग शुरू की और कई गाने लिखे जो दूसरों के नाम से रिलीज़ हुए। फिर मैंने खुद अपने लिखे गानों को प्रोड्यूस करने और उनमें एक्टिंग करने का फैसला किया।”
अभिनय की शुरुआत और पहचान
कसीम ने अपनी एक्टिंग की शुरुआत सिकंदर मिर्ज़ा के टीवी शो “हम हैं सिकंदर” से की। इसके बाद उन्होंने Pledge to Protect फिल्म में एक छोटा लेकिन अहम रोल निभाया। ये फिल्म फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जा रही है और जल्द ही रिलीज़ होगी। इसके बाद Dream City Mumbai और Where Is Najeeb जैसी फिल्में आईं। हाल ही में उन्होंने हामिद अली की फिल्म “हम हैं किंग” की शूटिंग की और अब “द थर्ड हैकर” पर काम कर रहे हैं।
700 से ज्यादा स्टेज शो और दो फिल्में लिखी
न सिर्फ अभिनेता और गीतकार, बल्कि कसीम एक शानदार एंकर भी हैं। उन्होंने अब तक 700 से ज्यादा स्टेज शो में निज़ामत की है। इसके अलावा, वो दो फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिख चुके हैं, जिन्हें वो भविष्य में खुद ही डायरेक्ट करना चाहते हैं।
कसीम का संदेश: हार मत मानो!
कसीम की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर निकलते हैं। “मुश्किलें आएंगी, लोग टोकेंगे, लेकिन अगर आप खुद पर विश्वास रखते हो, तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता।” कसीम हैदर की ये सफरनामा सिर्फ एक अभिनेता की कहानी नहीं, बल्कि सपनों को हकीकत में बदलने की मिसाल है!