हेरिटेज नगर निगम की मेयर, उनके पति और पार्षदों के खिलाफ माणक चौक थाने में बुधवार शाम एफआईआर दर्ज कराई गई है। एडिशनल कमिश्नर राजेन्द्र कुमार वर्मा ने अपनी शिकायत में बंधक बनाने, अपशब्द कहने और धमकाने के आरोप लगाए हैं।
अफसर का आरोप- फाइल निपटा रहा था, जबरन उठा ले गए

अपनी शिकायत में वर्मा ने कहा है कि 16 जून को वह अपने चैंबर में काम कर रहे थे। इसी दौरान उनके पास मैसेज आया कि मेयर बुला रही हैं। मैंने कहा- कुछ जरूरी फाइल हैं, उन्हें निपटा दूं, फिर 15 मिनट में आ रहा हूं।

5 मिनट बाद कुछ पार्षद और उनके साथ आए बाहरी लोग चैंबर में घुस आए। मुझसे कहा- टेंडर की फाइल (बीट पत्रावली) पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए? वे लोग मुझे जबरन चैंबर से उठा कर मेयर के कमरे में ले गए। वहां पर मेयर मुनेश गुर्जर ने पार्षदों के सामने अपशब्द कहते हुए बोलीं- तुम ने बीट की पत्रावली पर साइन क्यों नहीं किए?

राजेन्द्र ने बताया कि उन्हें जबरन मेयर के चैंबर में शाम तक बंधक बनाकर रखा गया। शाम को जब पीएचईडी मंत्री महेश जोशी वहां आए तो उन्हें सारी बात बताई।

जोशी के जाने के बाद भी मेयर पति सुशील गुर्जर और अन्य पार्षदों ने कहा कि- तू साइन कर के ही जाएगा।

सीसीटीवी फुटेज भी दिए

माणक चौक थाना पुलिस ने बताया कि राज कार्य में बाधा, बंधक बनाने, धमकाने, जबरन फाइलों पर साइन कराने के लिए बदसलूकी और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने का मामला दर्ज कराया गया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी माणक चौक हेमंत जाखड़ इसकी जांच कर रहे हैं। अतिरिक्त आयुक्त ने खुद के साथ हुई घटना से जुड़े कुछ वीडियो फुटेज भी पुलिस को दिए हैं। निगम कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी उपलब्ध कराए गए हैं।

एसीपी जाखड़ ने इस सिलसिले में वर्मा के बयान ले लिए हैं। अब पुलिस मेयर हेरिटेज, मेयर पति सुशील गुर्जर सहित एक दर्जन से अधिक पार्षदों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।

जातिसूचक शब्द कहकर दबाव बनाया

वर्मा का कहना है कि मेयर ने पत्रावली खोल कर प्रोसिडिंग पर साइन करने के लिए धमकाया व गाली गलौज की। मुझे जातिसूचक शब्द कहते हुए जबरदस्ती हस्ताक्षर कराने का दबाव बनाया। उस दिन अवकाश होने के कारण मैं हस्ताक्षर नहीं कर सकता था, इसलिए मैंने गैर कानूनी और अवैध तरीके से जबरन दबाव बनाए जाने के बावजूद भी उस बीट पत्रावली पर हस्ताक्षर नहीं किए।

मेयर बोलीं- आयुक्त ने तो हमें धमकाया

जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि वर्मा ने जो भी आरोप लगाए हैं सभी बेबुनियाद हैं। मैंने या फिर किसी भी दूसरे पार्षद ने इस तरह के शब्दों का उपयोग नहीं किया था। बल्कि, एडिशनल कमिश्नर ने ही हमें डराया-धमकाया था। जिस वीडियो का हवाला देकर शिकायत दर्ज करवाई गई है, उस वीडियो में भी वर्मा हंसते हुए नजर आ रहे हैं। वर्मा सिर्फ अपनी गलती छुपाने के लिए पार्षदों को बिना बात बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सत्य की नाव डगमग हो सकती है.. हिल सकती है.. लेकिन, डूब नहीं सकती।

इन पर हुई एफआईआर

वर्मा की शिकायत पर माणक चौक थाना पुलिस ने मेयर हेरिटेज मुनेश गुर्जर, उप-महापौर अस्लम फारुखी, पार्षद उमर दराज, नीरज अग्रवाल, श. कुरैशी, सुनिता मावर, राविया, अंजलि, पार्षद पति मोहम्मद अस्तर, आयशा सिद्दीकी, फरीद कुरैशी, फूलचंद, पार्षद के रिश्तेदार शाकिर, महापौर के पति सुशील गुर्जर, बसन्त असवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

क्या है पूरा मामला

जयपुर नगर निगम हेरिटेज में पिछले दिनों एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा के निलंबन की मांग को लेकर महापौर मुनेश गुर्जर पार्षदों के साथ धरना दे रही थीं। जिसमें अस्थाई सफाई कर्मचारियों की फाइल पर साइन करने की मांग को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मेयर-पार्षदों से मिलकर इस धरने को खत्म करवाया था। लेकिन, अब एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने इस मामले पर मुकदमा दर्ज कराया है।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor