प्रयागराज – महाकुंभ में हर दिन करोड़ों श्रद्धालु आकर गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर रहे हैं। भंडारों में भक्तों को प्रेम से भोजन कराया जा रहा है। लेकिन इसी बीच एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जिसने आस्था को हिलाकर रख दिया है। इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी भंडारे के भोजन में राख मिलाता हुआ नजर आ रहा है। सवाल उठ रहा है – क्या ये सिर्फ एक हरकत थी या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है?
पुलिसकर्मी की करतूत से भड़का गुस्सा
सोशल मीडिया पर जैसे ही ये वीडियो सामने आया, लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। किसी ने इसे आस्था पर हमला बताया, तो किसी ने प्रशासन पर सवाल खड़े किए। वीडियो में दिख रहा है कि चूल्हे पर बन रहे भंडारे के प्रसाद में एक पुलिस अधिकारी राख डाल रहा है। श्रद्धालु इसे देखकर भड़क गए और मामले ने तूल पकड़ लिया।
फौरन एक्शन – थाना प्रभारी सस्पेंड
यूपी पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी पुलिसकर्मी की पहचान सोरांव थाना प्रभारी बृजेश कुमार तिवारी के रूप में की। गंगा नगर के पुलिस उपायुक्त कुलदीप सिंह गुनावत ने उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया। यूपी पुलिस ने बयान जारी कर कहा –
“सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की जांच जारी है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
षड्यंत्र की बू?
अब सवाल उठ रहा है – क्या ये सिर्फ एक व्यक्ति की गलती थी, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है? समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस वीडियो को X (पहले ट्विटर) पर शेयर किया और लिखा –
“ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग महाकुंभ में फँसे श्रद्धालुओं के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, उनके सद्प्रयासों के ऊपर राजनीतिक विद्वेषवश मिट्टी डाल दी जा रही है।”
राजनीतिक गलियारों में भी इस घटना पर चर्चा तेज हो गई है। क्या ये प्रशासन की लापरवाही है, या महाकुंभ की पवित्रता को खराब करने की कोई चाल?
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब
बता दें कि 30 जनवरी को करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया, जबकि महाकुंभ शुरू होने के बाद से अब तक 30 करोड़ से ज्यादा लोग आ चुके हैं। भंडारों में रोज़ाना लाखों श्रद्धालु भोजन कर रहे हैं।
लेकिन इस घटना के बाद अब भंडारों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं। प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि श्रद्धालुओं की आस्था के साथ कोई खिलवाड़ न हो।
आगे क्या होगा?
इस घटना के बाद यूपी पुलिस की जांच जारी है। क्या ये सिर्फ एक व्यक्ति की गलती थी या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र था? अब सबकी नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।