जयपुर/कुरुक्षेत्र: इन दिनों हर तरफ एक छोटी सी बच्ची की चर्चा हो रही है, जिसका नाम है गुनगुन मिश्रा। महज 12 साल की गुनगुन ने हाल ही में कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में अपनी नृत्य प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन किया कि हर कोई दंग रह गया। गुनगुन ने प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ मंच साझा किया, और उनकी शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इस असाधारण प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुनगुन को एक विशेष प्रशंसा पत्र भेजकर सम्मानित किया। आखिर कौन हैं ये गुनगुन मिश्रा, जिन्होंने इतनी कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है?

प्रयागराज से जयपुर तक का सफर:
गुनगुन, जिनका असली नाम विनिध्या मिश्रा (Vinidhya Mishra) है, का जन्म 11 जनवरी 2013 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। पिछले दस वर्षों से वे अपने माता-पिता के साथ जयपुर में रह रही हैं। उनके पिता विवेक मिश्रा एक NEET कोचिंग शिक्षक हैं, जबकि उनकी मां निधि मिश्रा एक कुशल गृहिणी हैं। गुनगुन की सफलता में उनकी मां का विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया है।
शिक्षा और कला का अद्भुत संगम:
गुनगुन न केवल एक प्रतिभाशाली कलाकार हैं, बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल हैं। वे वर्तमान में जयपुर में कक्षा 7 की छात्रा हैं और उन्होंने कक्षा 6 में A1 ग्रेड प्राप्त किया था। भरतनाट्यम, कथक और भारतीय सांस्कृतिक कला में उनकी गहरी रुचि है।
कुरुक्षेत्र में मंच पर अद्भुत प्रदर्शन:
कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव में गुनगुन ने मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ मंच साझा किया। उनकी नृत्य प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी भावपूर्ण मुद्राएं, लयबद्ध चाल और चेहरे के भावों ने हर किसी का मन मोह लिया। गुनगुन की प्रतिभा ने अनुभवी नृत्यांगना मीनाक्षी शेषाद्रि को भी प्रभावित किया।

प्रधानमंत्री का प्रशंसा पत्र:
गुनगुन के इस शानदार प्रदर्शन से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक विशेष प्रशंसा पत्र भेजा। यह सम्मान उनकी प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी धूम:
गुनगुन ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक यूट्यूब चैनल शुरू किया था, जिसके वीडियो को लाखों व्यूज मिले हैं। इंस्टाग्राम पर भी उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। 2019 में, उन्होंने थाईलैंड के बैंकॉक में एक अंतर्राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता में भी भाग लिया था।
परिवार का समर्थन:
गुनगुन की सफलता में उनके परिवार का अहम योगदान है। उनके पिता विवेक मिश्रा मानते हैं कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में माता-पिता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उनकी मां निधि मिश्रा ने हमेशा गुनगुन को प्रोत्साहित किया है।
भविष्य के सपने:
गुनगुन का सपना है कि वे भारत की सांस्कृतिक राजदूत बनें और भारतीय कला और परंपरा को दुनिया भर में पहचान दिलाएं। उनकी प्रतिभा और लगन उन्हें निश्चित रूप से उनके सपनों को पूरा करने में मदद करेगी।